आखिर क्यों देश की जनता ने एक बार फिर कांग्रेस को नकार दिया

आखिर क्यों देश की जनता ने एक बार फिर कांग्रेस को नकार दिया


भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने जा रही है। देश की जनता ने एक बार फिर कांग्रेस को नकार दिया है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं किया है। इतना ही नहीं राहुल गांधी खुद अपनी परंपरागत सीट पर हार के लिए जूझ रहे हैं और रुझानों में लगातार पीछे चल रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी उनसे लगातार आगे चल रही हैं। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट में राहुल गांधी को मिला ये जनादेश कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए काफी चिंता का विषय है।साल 1980 के बाद से सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है जब यहां किसी गैर कांग्रेसी ने जीत दर्ज की है। यह साल था 1998, जब एक साल के लिए भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह ने जीत हासिल की थी. उसके बाद से कभी भी भी गांधी परिवार के अलावा कोई भी उम्मीदवार यहां जीत नहीं दर्ज कर पाया।


साल 1980 में यहां कांग्रेस की ओर से संजय गांधी ने चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी


उसके बाद यहां से चार बार राजीव गांधी सांसद बने और 1991 से 1998 तक कांग्रेस के ही सतीश शर्मा ने यहां अपना सिक्का जमाए रखा।अमेठी एक ऐसी सीट है, जहां के लिए कहा जाता था कि यह गांधी परिवार के लिए पैटेंट सीट है और यहां गांधी परिवार के सदस्य को हराना मुश्किल है। हालांकि अब यह तिलिस्म टूट चुका है। अमेठी में किसी बाहरी उम्मीदवार से राहुल गांधी का हार जाना कांग्रेस के भविष्य पर काफी सवाल खड़े करता है। साथ ही अगर यह रुझान नतीजों में बदल जाते हैं तो यह गांधी परिवार के लिए शर्मनाक हार होगी। बता दें कि कांग्रेस ने यहा अपने बुरे से बुरे दौर में भी जीत हासिल की है 1998 में भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह यहां से जीते। फिर एक बाद 1999 में हुए चुनाव में राहुल गांधी ने परपंरागत सीट पर दावेदारी की और लगातार जीत हासिल की।


राहुल गांधी यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं


पिछले बार 2014 में भी राहुल गांधी के सामने बीजेपी ने स्मृति ईरानी और AAP ने कुमार विश्वास को मैदान में उतारा था, लेकिन कांग्रेस को मात नहीं दे सके। यहां गांधी परिवार की जड़ें काफी मजबूत हैं, तभी तो 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार बीजेपी कमल खिलाने से महरूम रह गई।अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज, सलोन सीटें शामिल हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों में से 4 सीटों पर बीजेपी और महज एक सीट पर एसपी को जीत मिली थी। हालांकि सपा-कांग्रेस गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरी थी, फिर भी जीत नहीं सकी थी. सपा ने तो गौरीगंज सीट जीत ली, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। क्या इससे पता चलता है कि अमेठी की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ