बसपा मुखिया मायावती तीन को दिल्ली में करेंगी बैठक, गठबंधन के भविष्य पर भी हो सकती है यह चर्चा

बसपा मुखिया मायावती तीन को दिल्ली में करेंगी बैठक, गठबंधन के भविष्य पर भी हो सकती है यह चर्चा


उत्तर प्रदेश/ लखनऊ: लाकेसभा चुनाव 2019 में अंतिम चरण के मतदान के बाद परिणाम आने तक लखनऊ में बेहद व्यस्त रहीं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अब दिल्ली का रुख किया है। मायावती ने तीन जून को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया है। जहां पर वह बैठक करेंगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन के भविष्य पर भी चर्चा हो सकती है।लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती तीन जून को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक करेंगी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक में मायावती पार्टी के सभी दस नवनिर्वाचित सांसद के साथ ही लोकसभा प्रत्याशियों, जोन इंचार्ज तथा जिलाध्यक्षों के साथ वार्ता करेंगी। इन सभी को बैठक में बुलाया गया है। इनके साथ गठबंधन की सफलता व असफलता पर भी चर्चा होगी। सभी को तीन जून को दस बजे दिल्ली के पार्टी कार्यालय में बुलाया गया है।लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने तीन जून को दिल्ली में बैठक बुलाई है। बैठक में नवनिर्वाचित सांसद, लोकसभा प्रत्याशी, जोन इंचार्ज सहित सभी जिलाध्यक्ष बुलाये गये हैं। माना जा रहा है कि मायावती की बैठक में चुनाव की समीक्षा के साथ ही गठबंधन का भविष्य तय करेगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की रणनीति भी बैठक में बनाई जाएगी।


लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन से मायावती खुश नहीं


मायावती लोकसभा चुनाव में दस सीट मिलने से भी संतुष्ट नहीं हैं। 2014 में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। मायावती के अनुसार, सपा और आरएलडी से गठबंधन करने के बाद भी आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आए। यही वजह है कि वो पार्टी के विरोध काम करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं।इसके साथ ही मायावती के तेवर लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ प्रति बेहद सख्त हैं। वरिष्ठ नेता रामवीर उपाध्याय के निलंबन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जो कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के साथ नहीं थे। कई सीटों पर पार्टी विरोधी काम करने और विपक्षी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के आरोप में पार्टी के पूर्व विधायक इकबाल अहमद ठेकेदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।इकबाल अहमद ने चुनाव के दौरान बिजनौर में बीएसपी प्रत्याशी मलूक नागर के बजाए कांग्रेस प्रत्याशी नसीमुद्दीन सिद्दीकी का समर्थन किया था। इकबाल ठेकेदार 2007 और 2012 में बीएसपी के टिकट पर चांदपुर के विधायक बने थे। 2017 में वह हार गए थे। लोकसभा चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन उनकी मांग को दरकिनार कर पार्टी हाईकमान ने एसपी से आईं पूर्व विधायक रुचिवीरा को बिजनौर लोकसभा सीट का प्रभारी घोषित कर दिया।


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