भाजपा टिकट वितरण में लोकसभा चुनावों के फार्मूले को तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी लागू करने की तैयारी में है। इसके तहत उन्हीं मौजूदा विधायकों को टिकट दिए जाएंगे जिनका कामकाज अच्छा होगा।
जिन विधायकों के कामकाज को लेकर रिपोर्ट अच्छी नहीं होगी, उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिलेंगे
तीनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं तथा हाल में लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इन राज्यों में शानदार प्रदर्शन भी किया है लेकिन इसके बावजूद पार्टी अपनी रणनीति में कोई चूक नहीं रखना चाहती है।सूत्रों के अनुसार भाजपाध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में रविवार को इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्षों एवं वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह संकेत दे दिए गए हैं। राज्यों को कह दिया गया है कि जो विधायक अच्छा काम कर रहे हैं तथा दोबारा चुनाव जीत पाने की स्थिति में हैं, उन्हीं को दोबारा टिकट दिए जाएं। इसके लिए विधायकों के कामकाज का लेखा-जोखा राज्य ईकाई तैयार करेगी। बता दें कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने बड़े पैमाने पर कई सांसदों के टिकट काटकर उनकी जगह नए चेहरे उतार दिए थे। छत्तीसगढ़ में पार्टी ने अपने सभी दस सांसदों के टिकट काट दिए थे।
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य
हाल में हुए लोकसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा को 58 फीसदी और झारखंड में 51 फीसदी वोट मिले थे। महाराष्ट्र में उसने लोकसभा चुनाव शिवेसना के साथ मिले थे और दोनों को करीब 51 फीसदी वोट मिले थे। पार्टी ने तीनों राज्यों में अगले विधानसभा चुनावों में शानदार सीटें जीतने का लक्ष्य भी राज्यों के लिए तय कर दिया है। इसके साथ ही वह जमीनी स्तर पर भी अपनी रणनीति को मजबूत करते हुए खराब प्रदर्शन वाले विधायकों को दोबारा टिकट देने के पक्ष में नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि इस फैसले से कई विधायकों को टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है।
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