पुर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। शीला कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा थी। उन्होंने पन्द्रह वर्षों यानि साल 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी।दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल के प्रवक्ता अजय महाराज का कहना है कि आज दोपहर बाद 3:55 पर शीला दीक्षित अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हुआ था।
पीएम मोदी ने शीला के निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा- "शीला जी के निधन से काफी दुख हुआ। उन्होंने दिल्ली के विकास में काफी अहम योगदान दिया था। उनके परिवार और समर्थकों को सांत्वना।"
केजरीवाल ने कहा- दिल को दहलाने वाली खबर
शीला दीक्षित के निधन को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा नुकसान बताया है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा- शीला दीक्षित के निधन की खबर अत्यंत दिल को दहलाने वाली खबर है। यह दिल्ली की एक बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। मेरी दिल से उनके परिवार के सदस्यों के प्रति सांत्वना है।हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित को उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के सामने शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
2014 में बनी थीं केरल की राज्यपाल
2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि, उन्होेंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था। शीला दीक्षित यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती थीं।
दिल्ली की सियासत पर छोड़ी अमिट छाप
1998 में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को पहली बार दिल्ली का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली। उन्होंने पंद्रह वर्ष तक मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली पर शासन किया।लगातार पंद्रह सालों तक सीएम रहने वाली देश की पहली महिला नेता भी बनींअपने शासन के दौरान सार्वजनिक परिवहन को सीएनजी आधारित करने, फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर उन्हें याद किया जाता है।
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