उत्तर प्रदेश में अब लोग कहीं से भी एक फोन पर अपनी शिकायत दर्ज करवा कर उसका निपटारा तय समय में करवा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे संबंधित सीएम हेल्पलाइन 1076 गुरुवार को लांच कर दी। सीएम ने कहा कि इस टोल फ्री नंबर के जरिए चौबीसों घंटे जनता की शिकायत सुनी जाएगी और मुख्यमंत्री खुद इसकी निगरानी करेंगे। उनके लिए जनता की संतुष्टि सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में हुए लोकार्पण समारोह में कहा कि इस काम से जुड़े अधिकारियों की परफार्मेंस जनता की शिकायतों के समाधान से मानी जाएगी और इसे उनकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि)में दर्ज किया जाएगा। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की छुट्टी की जाएगी। सीएम ने कहा कि शिकायतकर्ता की परेशानी जब तक दूर नहीं होती, उसका फोलाअप होता रहेगा। महीने के अंत में वे हेल्पलाइन में आई शिकायतों में से 100 मामलों का चुनाव कर शिकायतकर्ता से खुद फीडबैक लेंगे।
शिकायत की फाइल तभी बंद होगी जब पूरी तरह समाधान
सीएम ने कहा कि अफसरों को 360 डिग्री के आधार पर अपनाकर काम करना होगा। इस हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत तभी बन्द होगी जब शिकायतकर्ता खुद कहेगा कि उसकी समस्या का समाधान हो गया है। यदि इस दौरान कोई झूठी शिकायत करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार हमने जनता दर्शन का कार्यक्रम रखा, 22 लाख मामले सामने आए आए जिसमें 20 लाख मामलों का निस्तारण किया गया। इनका समाधान जिले, तहसील और थाना पर भी हो सकता था लेकिन वह नहीं हुआ।
संवादहीनता के कारण मुश्किलें
सीएम ने कहा कि जो लाभार्थी है, उनको यही नहीं पता है कि जो सुविधा उन्हें मिली हैं वह सरकार द्वारा मिली हैं। इसका कारण सिर्फ संवादहीनता थी। अगर हम यहां पर समस्या का समाधान नहीं कर सकते तो किस लिए बैठे हैं। सीएम ने कहा कि समस्याओं के वर्गीकृत होने से सरकार के पास एक डाटाबेस तैयार हो जाएगा। जनसमस्याओं के निस्तारण की गुणवत्ता के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसकी समीक्षा अधिकारियों द्वारा प्रत्येक सप्ताह की जाएगी।
काल सेंटर से 500 को मिला रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश के दूरदराज इलाकों से लोगों को सैकड़ों रुपये खर्च कर अपनी समस्या के निराकरण के लिए लखनऊ आना पड़ता था। इस हेल्पलाइन के शुरू होने से 500 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। योजना आईजीआरएस, डायल 100, डायल 108 जैसी सेवाओं से जोड़ी गई है। अब इसे 1090 से भी जोड़ा जाएगा। काल सेन्टर के से एक बार में 80 हजार काल को रिसीव और 55 हजार काल को आउटबाउण्ड किया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह हेल्पलाइन जनता व सरकार के बीच पुल का काम करेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने कहा कि इस हेल्पलाइन में शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया पर पूरी निगाह रखी जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनकी समस्या का समाधान तय समय में हो जाए। समारोह में आईटी विभाग में राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने आभार जताया। समारोह में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे।
ऐसे काम करेगी हेल्पलाइन
हेल्पलाइन 1076 टोल फ्री नंबर कहीं से भी व कभी भी डायल किया जा सकता है। इस पर शिकायत नंबर मिलेगा।
राजधानी लखनऊ में इसके लिए बने काल सेंटर में काल रिसीव होगी।
काल सेंटर में आयी शिकायत संबंधित विभाग को भेजी जाएगी।
हर विभाग में समस्याओं के समाधान के लिए लेवल व्यवस्था लागू की गयी है, जिसमें लेवल-1, 2, 3 व 4 बनाया गया है।
विभाग या जिले के अधिकारी बताएंगे कि हेल्पलाइन सेवा में बताएंगे कि समस्या का समाधान कब तक होगा।
समाधान होने पर जनता से काल सेंटर द्वारा पूछा जाएगा कि वह इससे संतुष्ट है या नहीं। अगर नहीं जवाब आता है तो फिर संबंधित विभाग व अधिकारी को उसे फालोअप करने को कहा जाएगा।
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