Gorakhpur:पूर्व सीएम के नाम का शिलापट्ट उखाड़ कर फेंके जाने के बाद सपाइयों में आक्रोश 

Gorakhpur:पूर्व सीएम के नाम का शिलापट्ट उखाड़ कर फेंके जाने के बाद सपाइयों में आक्रोश 


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) एमबीबीएस की पढ़ाई से पहले ही विवादों में घिर गया है। कैम्पस में पिछली सपा सरकार की तरफ से लगाए गए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शिलापट को किसी ने उखाड़ कर फेंक दिया है। सपा शासन में एम्स के लिए जमीन देने के बाद इस शिलापट को लगाया था। इस सूचना के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भड़क गए। कार्यकर्ताओं ने इसे पार्टी के मुखिया का अपमान करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर एम्स प्रशासन ने मामले में चुप्पी साध ली है।जिले में एम्स की स्थापना को लेकर लंबा आंदोलन चला। पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में एम्स के लिए जमीन मिली। इस क्रम में 30 दिसंबर 2016 को एक कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम का यहां शिलापट लगाया गया था। इस शिलापट पर एम्स गोरखपुर को मूर्त रूप देने एवं प्रदेश की जनता को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जमीन के स्थानांतरण की सूचना लिखी गई थी।सपा के निवर्तमान जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र तिवारी राजू ने बताया कि वर्तमान में एम्स में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान वहां सपा मुखिया के नाम वाले शिलापट को साजिश के तहत उखाड़कर फेंकने की बात पता चली, जिसकी सूचना निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव को दी गई। कुछ देर में यह खबर सभी कार्यकर्ताओं तक पहुंच गई, जिस पर सभी ने एक स्वर में विरोध जताया।


कार्यकर्ता करेंगे आंदोलन


निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव ने कहा कि यह एक पूर्व मुख्यमंत्री का अपमान है। कार्यदायी संस्था एवं एम्स प्रशासन ने अगर तत्काल शिलापट को सम्मान के साथ स्थापित नहीं कराया तो कार्यकर्ता आंदोलन को बाध्य होंगे।


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