कुशीनगर: प्रदेश में साइबर अपराध पर प्रभावी अंकुश कायम करने के लिये सूबे के पुलिस विभाग के मुखिया लगतार प्रयासरत है। लेकिन साइबर अपराधी भी अपना अपराध करने से बाज नही आ रहे है। इस क्रम में पुलिस अधीक्षक कुशीनगर विनोद कुमार मिश्र को गत दिवस फरियादी राजन कुमार राय पुत्र स्व0 योगेन्द्र राय सा0 तरया सुजान जनपद कुशीनगर ने प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि प्रार्थी के HDFC बैंक के खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आनलाईन धोखाधडी करके खाते से रुपया 74100.00 (रुपया चौहत्तर हजार एक सौ मात्र) निकाल लिया गया है। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र द्वारा उक्त घटना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए जाँच हेतु साइबर सेल को आदेशित किया गया। साइबर सेल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जाँच में पाया गया कि फरियादी राजन कुमार राय के HDFC बैंक मे खोले गये बचत खाते से आनलाईन धोखाधड़ी करके Make My Trip नामक कैश वैलेट के माध्यम से रुपया 50000.00 व रुपया 24100.00 मूल्य के दो E-Card की आनलाईन खरीदारी करते हुए रुपया 74100.00 की निकासी की गयी। साइबर सेल द्वारा उक्त दोनो E-Card व Make My Trip कैश वैलेट को फ्रीज कराते हुए धोखाधडी करके निकाली गयी धनराशि रुपया 74100.00(रुपया चौहत्तर हजार एक सौ मात्र) को फरियादी के बचत बैंक खाते में वापस करा दिया गया।
आइये जानते है साइबर सेल कुशीनगर के उस आरक्षी को जो लगतार साइबर अपराधियो के मंसूबे पर पानी फेर रहा है
साईबर सेल कुशीनगर में नियुक्त अनिल कुमार यादव जो लगतार साइबर अपराधियो के मंसूबे पर पानी डाल रहे है। जो अब तक साइबर अपराधियो द्वारा धोखा धड़ी कर लगभग दस लाख सात हजार रुपये पीड़ितों के खाते में वापस कराने में कामयाब रहे है।यह बताना लाजमी होगा की आरक्षी अनिल कुमार यादव को इनके सराहनीय कार्य के लिये डीजीपी महोदय द्वारा सिल्वर गोल्ड मेडल को एडीजी दावा शेरपा महोदय के हाथ से धारण कराया गया है।पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन में कार्य कर रही पुलिस टीम ने बताया कि साइबर फ्राड होने की दशा में यदि फरियादी द्वारा साइबर ठगी होने के 24 घण्टे के अन्दर बैंक डिटेल सहित साइबर सेल को सूचना देता है तो फ्राड किये गये पैसो की वापसी की सम्भावना अधिक रहती है।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र बताते है-साइबर फ्राड से बचाव का तरीका
आज के आधुनिक परिवेश में सबसे अधिक साइबर फ्राड फोन करके ओ0टी0पी0 पूछकर पैसे निकालते समय ए0टी0एम0 कार्ड का नं0 व पासवर्ड चोरी करके ऑनलाइन वैलेट के माध्यम से किया जा रहा जिससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि फोन पर किसी भी व्यक्ति को अपने खाते से सम्बन्धित जानकारी साझा न करें और एटीएम बूथ से पैसे निकालते समय बूथ में अकेले ही प्रवेंश करे व अपना पासवर्ड छुपा कर दर्ज करें। अधिकतर साइबर अपराधी एटीएम बूथ में भीड़ का फायदा उठाकर साथ ही एटीएम बूथ के अन्दर प्रवेश कर जाते है। एवं सामने वाले व्यक्ति के पैसा निकालते समय ही उसका एटीएम कार्ड नं0 व पासवर्ड याद कर लेते है। जिसका भनक तक सामने वाले व्यक्ति को नही लगती है कि उसका एटीएम कार्ड नं0 व पासवर्ड चोरी हो गया है।
यदि इस तरह का किसी भी प्रकार का शक हो तो तत्काल स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें।
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