उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्ति पंजीकरण शुल्क नियमों में किया बदलाव 

उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्ति पंजीकरण शुल्क नियमों में किया बदलाव 

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिये संपत्ति और जमीन के पंजीकरण शुल्क के नियम में संशोधन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया। इसके अलावा सरकार से राज्यों से लाए गए उपखनिज नियमावली में संशोधन को मिली मंजूरी। इसके तहत सीमावर्ती राज्यों से आपूर्तित उपखनिजों एवं प्रदेश के उपखनिजों के बाजार मूल्य के हिसाब से विनियमन शुल्क लगाया जा सकेगा।


राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां बताया कि संपत्ती पंजीकरण लगने वाले रजिस्ट्री शुल्क को 2 प्रतिशत या अधिकतम 20 हजार की बजाय अब एक प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में निजी क्षेत्र में 28 विश्वविद्यालयों की स्थापना लिये सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी। उन्होंने बताया कि आवास विकास परिषद एवं विभिन्न प्राधिकरणों की डिफाल्ट संपत्तियों के निस्तारण के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस-2020) को मंजूरी दी गई है। नई योजना के तहत 50 लाख रुपए की धनराशि वाले प्रकरणों में कुल चार माह और 50 लाख से अधिक तक की धनराशि कुल सात माह में जमा करने की व्यवस्था है। संपूर्ण धनराशि एकमुश्त जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।


सिंह ने बताया कि बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड से संबंधित 23 चीनी मिलों के संचालन के लिये सहकारी बैंकों से लिए जाने वाले कैश क्रेडिट लिमिट के सम्बंध में शासकीय गारंटी को माफ किये जाने के निर्णय को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। इसके तहत साल 2019-20 के लिये 3221.63 करोड़ पर देय शासकीय गारंटी शुल्क माफ किया जा रहा है।


प्रवक्ता ने बताया कि चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड के अधीन पिपराइच एवं मुंडेरवा चीनी मिलों के लिए वर्ष 2019-20 में समय से गन्ना भुगतान के लिए 100-100 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट प्राप्त करने के सम्बंध में शासकीय गारण्टी प्रदान किए जाने के निर्णय को मंजूरी मिली है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश्स पुलिस के 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों बरेली, मुरादाबाद, अलगीढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, झांसी, प्रयागराज, चित्रकूट, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर, अयोध्या में साइबर क्राइम थाने की स्थापना को मंजूरी मिली है।


केंद्र सरकार की सहायता से स्थापित किये गए अयोध्या, बस्ती, बहराइच, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेजों में पीएमएस संवर्ग के शिक्षकों को उनकी योग्यता के अनुरूप प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में प्रतिनियुक्ति पर नामित किये जाने का निर्णय लिया गया। बरेली में जिला कारागार को पुन: चालू करने व नवीन जिला कारागर को केंद्रीय कारागार द्वितीय के रूप में उपयोग में लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।


वाराणसी में एनडीआरएफ की 11 वीं बटालियन के मुख्यालय के लिये चंदौली में 34.03 एकड़ श्रम विभाग की भूमि नि:शुल्क दिए जाने का निर्णय लिया गया। भूतपूर्व सैनिकों की सुविधाओं के लिए बिजनौर में फरीदपुर खेमा ग्राम में ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक के निर्माण के लिये 0.070 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क दिये जाने का निर्णय लिया है। सरकार ने सरकारी विभागों से विज्ञापन प्राप्त करने के लिए हिट के मानदंडों को कम करके वेब मीडिया नीति में कुछ संशोधन किया। 


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