कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को संबोधित करते हुए कहा कि देश को 4 महीने हो गए महामारी से लड़ते हुए। देश में कई परिवारों ने अपने खोएं है मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। एक वायरस ने देश को किया तहस नहस। हमने ऐसा संकट न देखा है ना सुना है। साथ ही उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान करते हुए कहा कि हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको18 मई से पहले दी जाएगी। हम सभी नियमों का पालन करेंगे, मास्क भी लगाएंगे और 2 गज की दूरी भी रखेंग। लेकिन अपने लक्ष्यों से दूर नहीं होंगे।
पीएम मोदी के भाषण के प्रमुख अंशः
- एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है।
- जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है।
- साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।
- जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।
- भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है।
- जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
- दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।
- आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।
- यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
देशभर में लगे लॉकडाउन की मियाद 17 मई को खत्म हो रही है। इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी। बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में लॉकडाउन की कैसी व्यवस्था चाहते हैं, उसका डीटेल 15 मई तक देने को कहा था। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि था कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आगे की रणनीति पर काम करना होगा
इन राज्यों ने की थी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग
पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया था। बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 70 हजार के पार चली गई है और 2293 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।
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