पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह और 50 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज

पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह और 50 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज

 



पूर्व राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह और 50 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व मंत्री ने शुक्रवार को तहसील परिसर में डीजल और पेट्रोल की मूल्य वृद्धि को लेकर आंदोलन किया था। इस दौरान एक सभा भी हुई थी।शुक्रवार को दिन में समाजवादी पार्टी के लगभग 50 कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व राज्यमंत्री कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न, डीजल पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ और छोटी गंडक से अवैध बालू खनन रोकने की मांग को लेकर बैलगाड़ी से तहसील परिसर पहुंचे थे। प्रदर्शन किया था। इसके बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर भीड़ के साथ लौटे थे। पुलिस ने इसे निषेधाज्ञा का उल्लंघन करार देते हुए उनके और समर्थकों के खिलाफ धारा-188 व आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इसमें केवल पूर्व मंत्री को नामजद किया गया है, शेष 50 कार्यकर्ताओं के नाम पते अज्ञात हैं। 


 


हाटा के कोतवाल इंस्‍पेक्टर हरेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि शनिवार को सुबह केस दर्ज किया गया। इस समय पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। समाज का जिम्मेदार व्यक्ति होने के बाद भी पूर्व मंत्री ने इसका उल्लंघन किया। सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाई गईंं।और सरकार के आदेशों को नजरअंदाज किया। मौजूदा समय मेें कोरोना की महामारी का असर जिले में तेजी से हो रहा है। प्रशासनिक मशीनरी आपदा प्रबंधन में जुटी हुई है। सभी निर्देशों की अवहेलना कर नगर में पूर्व मंत्री ने प्रदर्शन किया। इसकी कोई अनुमति भी उन्होंने नहीं ली थी। जबकि स्पष्ट आदेश है कि निषेधाज्ञा में किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।उधर, पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि जनहित में उनका आंदोलन जारी रहेगा। चाहे जितने भी मुकदमे प्रशासन दर्ज करा दे। वह डरने वाले नहीं हैं।


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