आजादी के 73 साल बाद भी किसी गांव में मारपीट, लूट, चोरी, डकैती आदि के मामले ना आये हो, तो यह कहना अतिशयोक्ति होगी. लेकिन, पश्चिम चंपारण जिले के गोनहा प्रखंड का कटोरवा गांव कुछ ऐसा ही मिसाल पेश कर रहा है, जहां आजादी के बाद से अभी तक एक भी मामले थाने तक नहीं पहुंचे हैं.
सोमवार को प्रदेश के पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे खुद इस गांव में पहुंच कर ग्रामीणों से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिलने के बाद से ही गांव में आने की जिज्ञासा थी, जो आज पूरी हो गयी. गांव का भ्रमण करते हुए डीजीपी ने बताया कि मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, तो एकाएक मन में आया कि इस गांव का अवलोकन करना चाहिए, जहां आजादी के 73 साल बाद भी अभी तक एक भी केस मुकादमा या किसी तरह का एफआईआर नहीं हुआ है. यह बड़े गर्व की बात है. यह अपनेआप में मायने रखता है.
उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि मुझे आपलोगों से मिलकर खुशी हो रही है. यह अपनेआप मे गौरव की बात है कि अजादी के इतने लंबे समय बाद भी यह गांव केस-मुकदमा से अछुता है. डीजीपी पांडेय ने लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि इस गांव से बेतिया जिला ही नहीं पूरे बिहार के सभी गांवों को सीख लेनी चाहिए.
डीजीपी सुबह के 8:30 बजे कटरा गांव में दस्तक दे चुके थे. गांव में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले पूछा कि गांव में बाथरूम बना है और वह बाथरूम गये. बाथरूम से लौटने के बाद वह दातून मांग कर मुंह धोये.
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