पूरी दुनिया में तबाही मचा रहे कोरोना के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने में गोरखपुर की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है। कोरोना वैक्सीन गोरखपुर के राणा हॉस्पिटल पहुंच गई है जहां अगस्त के पहले हफ्ते से इसके ट्रायल की तैयारी है। यह वैक्सीन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बॉयोटेक ने तैयार की है। ट्रायल के लिए अस्पताल को 50 से 60 वालंटियर्स की जरूरत है। अब तक 10 वालंटियर्स ने इसके लिए अस्पताल से खुद सम्पर्क किया है। इस स्वदेशी वैक्सीन का ट्रॉयल देश भर में 12 अलग-अलग सेंटरों पर होना है।
अस्पताल प्रबंधन वॉलंटियर के लिए विज्ञापन जारी करेगा। अस्पताल के मैनेजर वेंकटेश ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल के चरण तय हैं। वैक्सीन मिलने के बाद वॉलंटियर की तलाश शुरू होती है। अस्पताल को 50 से 60 वालंटियर चाहिए। अस्पताल प्रबंधन से 10 से 15 वालंटियर ने संपर्क किया है। बचे हुए वालंटियर के लिए अस्पताल प्रबंधन विज्ञापन जारी करेगा। इसके जरिए इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे। इसके बाद उनकी शारीरिक जांच की जाएगी।
शारीरिक जांच में फिट लोगों में से अलग-अलग उम्र वर्ग के वालंटियर तलाशे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में एक हफ्ते से 10 दिन का समय लग सकता है। उम्मीद है कि अगस्त के पहले या दूसरे हफ्ते से ट्रायल शुरू होगा हो सकेगा। इसको लेकर दूसरी तैयारियां भी शुरू हो गई है।
वालंटियर होने की शर्त
वैक्सीन ट्रॉयल के लिए वालंटियर होने की सबसे पहली शर्त है कि आपको पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए। आपके अंदर कोरोना का संक्रमण नहीं होना चाहिए। यानि कोरोना की एंटीबॉडी नहीं पाई जानी चाहिए। वैक्सीन की डोज दिए जाने के बाद 15 से 18 दिन वालंटियर शहर में जहां चाहे वहां रहेंगे। इसके बाद दोबारा कोरोना की जांच कराई जाएगी।
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