नेपाल में लगातार हो रही बारिश के चलते गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार की शाम पांच बजे वाल्मीकिनगर बैराज से दो लाख बत्तीस हजार छह सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दिन भर में ही करीब एक लाख क्यूसेक पानी का बहाव होने से कुशीनगर जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
गंडक नदी में जून के अंतिम सप्ताह में ही डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आ गया था। इसके बाद पानी कम हुआ लेकिन बहाव 80 से 90 हजार क्यूसेक के बीच बना रहा। तीन दिन पहले नेपाल के गृह मंत्रालय की तरफ से एक अलर्ट जारी किया गया था जिसमें 10 से 15 जुलाई के बीच भारी बारिश के कारण गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार की सुबह आठ बजे बैराज से एक लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। 10 बजे बहाव 1.59 लाख क्यूसेक हो गया। दोपहर एक बजे 1.83 लाख क्यूसेक और दोपहर दो बजे 1.95 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। दिन के तीन बजे बहाव दो लाख छह हजार चार सौ क्यूसेक हो गया। शाम चार बजे बहाव दो लाख 21 हजार और शाम पांच बजे बहाव दो लाख 32 हजार छह सौ क्यूसेक हो गया। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के चलते खड्डा और तमकुहीराज तहसील के नदी के किनारे बसे गांवों में खलबली मच गई है।
डीएम भूपेंद्र एस चौधरी ने बताया कि नेपाल में भारी बारिश के चलते गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन बाढ़ को लेकर सतर्क है। सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
बिहार प्रशासन ने किया अलर्ट
तमकुहीरोड। गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए बिहार के गोपालगंज के जिला प्रशासन ने गाइड बांध के सीमावर्ती गांवों भसही, सलेपुर, काला मटिहिनिया, भगवानपुर, खेम मटिहिनिया, धर्मपुर, विसंभरपुर सहित निचले हिस्से के कई प्रखंडों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि पानी की मात्रा और कटान की स्थिति पर नजर रखी जाय ताकि समय रहते किसी भी खतरे से निपटा जा सके।
निचले इलाकों में भरने लगा है पानी
खड्डा। इस बरसात सीजन में पहली बार गंडक नदी में पानी का बहाव दो लाख क्यूसेक के ऊपर पहुंचा है। देर रात तक खड्डा क्षेत्र के दर्जन भर गांव बाढ़ के पानी से घिर जाएंगे। तेजी से पानी नदी के दूसरे तरफ बसे गांवों की तरफ बढ़ रहा है। नदी के जलस्तर में बढ़त से छितौनी तटबंध सहित अन्य तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है। गत 21 जून को गंडक नदी का बहाव 152000 क्यूसेक पहुंचा था। इसके चलते मरचहवा-बसंतपुर मार्ग, बसंतपुर- सोहगीबरवा मार्ग सहित शिवपुर मार्ग पानी से डूब गया था।
अहिरौलीदान के डीह टोला के सामने हो रहा कटान
तमकुहीरोड। गंडक नदी का बहाव लगातार बढ़ने से एपी बांध पर दबाव बढ़ गया है। अहिरौलीदान गांव के डीह टोला के सामने नदी ने कटान शुरू कर दिया है जिससे कई लोगों के मकान और झोपड़ी पर खतरा मंडरा रहा है। इससे लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। कटान के भय से प्रहलाद यादव ने अपना पक्का मकान तोड़ना शुरू कर दिया है। डीह टोला में नदी और आबादी के बीच 50 मीटर से भी कम दूरी बची है। प्रहलाद यादव ने शुक्रवार को सामान हटाने के साथ ही मकान तोड़ना भी शुरू कर दिया है। नथुनी, दीनानाथ, हरीलाल, राजपति आदि भी खतरे को भांपते हुए सामानों को हटाने लगे हैं। ग्राम प्रधान हीरालाल यादव, किसान मोर्चा के जिलामंत्री जेके सिंह, अरविन्द सिंह पटेल, पप्पू सिंह, संजय सिंह, सुनील शर्मा, वशिष्ठ सिंह, सुजीत यादव, मिथलेश गोड़, भगवान पासवान आदि ने बाढ़ खंड विभाग से तत्काल इस गांव में कटान रोकने का पुख्ता इंतजाम कराने की मांग की है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम व सहायक अभियंता एसके प्रियदर्शी का कहना है कि वरिष्ठ अफसरों को स्थिति से अवगत कराया गया है। उनका निर्देश मिलते ही बचाव कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
अमवाखास बंधे पर बढ़ा दबाव
बरवापटटी। गंडक नदी के जल स्तर में वृद्धि से अमवा खास बंधे के किनारे बसे गांवों में रहने वाले ग्रामीण भयभीत हैं। अमवाखास तटबंध के लक्ष्मीपुर स्पर पर नदी का दबाव है। आसपास के ग्रामीण नदी का रुख देखकर भयभीत हैं। सहायक अभियंता दयाशंकर पांडेय ने बताया कि पानी का डिस्चार्ज बढ़ने से बंधे पर दबाव है। कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है ।
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