समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर की चर्चा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर की चर्चा


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था, फर्जी एनकाउण्टर, किसानों की स्थिति, नौजवानों के भविष्य और कोरोना संकट के दौर में लाॅकडाउन से उत्पन्न हालात पर सबके विचार जाने। इस चर्चा में पूर्व विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, अभिषेक मिश्र, राजेन्द्र चौधरी (पूर्व कैबिनेट मंत्रीगण) एवं प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल शामिल थे।


 कानून व्यवस्था के सम्बंध में सभी का मत था कि प्रदेश में अपराधिक स्थिति गम्भीर होती जा रही है। अपनी ही भाजपा सरकार में बढ़ती अराजकता से अब भाजपा विधायक, सांसद भी परेशान है। जंगलराज से डरे एक विधायक ने मुख्यमंत्री, डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। जब सत्ता दल के माननीय विधायक-सांसद तथा महापौर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं उनकी सुनवाई नहीं हो रही तो जनसामान्य की क्या पूछ होगी? चर्चा में भाजपा नेताओं के अवैध खनन, शराब तस्करी आदि धंधों में संलिप्तता की बातें भी आईं। इस बात पर भी गम्भीर चिंता जताई गई कि प्रदेश में हत्या, लूट, अपहरण और फर्जी एनकाउण्टर की घटनाएं बढ़ी है। प्रदेश में माफिया, नेता और नौकरशाही के गठजोड़ से अपराध थम नहीं रहे। 


चर्चा में यह बात भी उभरकर आई कि कोरोना संक्रमण के दौर में दिन प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी के मुकाबले सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी हैं। मुख्यमंत्री जी के तमाम आदेशों के बावजूद संक्रमित मरीजों की देखभाल में लापरवाही हो रही है। कोविड-19 कोरोना मरीज की भर्ती में दिक्कतें हैं। एम्बूलेंस में ही कई बीमार दम तोड़ चुके हैं। मृतकों के शव ले जाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिल रहे हैं। हर तरफ अव्यवस्था का बोलबाला है। घटिया खाना भी दिया जाता है।


किसानों, नौजवानों को इस भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा बदहाली उठानी पड़ रही है। किसान असमय वर्षा का शिकार हुआ। उसको मुआवजा नहीं मिला। किसान को फसल बीमा नहीं मिलता। बीमा कम्पनी फायदा उठा रही हैं। किसान को फसल का न्यूनतम निर्धारित मूल्य भी नहीं मिला। उसे कर्ज पर कर्ज लेना पड़ा जिसके दबाव में उसे फांसी लगाने को बाध्य होना पड़ा। नौजवान को नौकरी नहीं मिलीं। सरकार झूठे आंकड़े देकर भुलावा देती है। करोड़ों नौकरियां जाने की भविष्यवाणी हो रही है। भाजपा मूल मुद्दों से भटकाना चाहती है।


 राजनीतिक चर्चा में यह बात उभर कर आई कि भाजपाराज में अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। अंदर ही अंदर घोटाले हो रहे हैं। भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा बनती जा रही है। भाजपा राज में सवाल पूछना बर्दाश्त नहीं होता है। भाजपा जातिवादी पार्टी है। असहिष्णुता और रागद्वेष की भावना से विपक्ष के साथ व्यवहार होता है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाॅकडाउन में फंसे श्रमिकों को राहत-राशन दिया तो उन पर ही मुकदमें लगा दिए गए।


  अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश समाजवादी सरकार के समय जितना आगे गया था, भाजपा सरकार की अदूरदर्शी नीतियों के चलते उतना ही पीछे चला गया है। भाजपा नेतृत्व के पास न कोई लक्ष्य है और नहीं कोई विजन है। वे अब तक एक भी अपनी योजना नहीं लागू कर सके हैं। यादव ने कहा कि गांव-गांव, घर-घर हमें जनता को भाजपा के झूठे दावों की सच्चाई बतानी होगी।


अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के झूठे वायदों की अब जनता में पोल खुलती जा रही है। समाजवादी पार्टी अपने मजबूत संगठन और जुझारू कार्यकर्ताओं की ताकत से इसको टक्कर देने में सक्षम हैं। प्रदेश की जनता को विकल्प देने के लिए हमें 351 के लक्ष्य के साथ विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़नी है।


                                             


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