बिकरू कांड : एसआईटी ने शासन को सौंपी 3200 पेज की रिपोर्ट, पुलिस और प्रशासन के 80 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ है एसआईटी की रिपोर्ट

बिकरू कांड : एसआईटी ने शासन को सौंपी 3200 पेज की रिपोर्ट, पुलिस और प्रशासन के 80 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ है एसआईटी की रिपोर्ट


बिकरू कांड : एसआईटी ने शासन को सौंपी 3200 पेज की रिपोर्ट


-पुलिस और प्रशासन के 80 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ है एसआईटी की रिपोर्ट


-700 पन्नों की रिपोर्ट के साथ 2500 पन्ने हैं संलग्नक


ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड की जांच कर एसआईटी टीम ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी। 3200 पन्नों की रिपोर्ट में एसआईटी ने पुलिस और प्रशासन के करीब 80 अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। 


एसआईटी ने अपनी जांच में कानपुर के पुलिस अफसरों की भूमिका को संदिग्ध पाया है। एसआइटी ने सभी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद कुछ पुलिस अफसरों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा सकती है।   


सू़त्रों की मानें तो एसआईटी की रिपोर्ट की मूल रिपोर्ट 700 पन्नों की है और इसमें 2500 पन्ने बतौर संलग्नक लगाए गए हैं। जिन करीब 80 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है उनमें 60 फीसदी पुलिस और 40 फीसदी प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी हैं।  


सूत्र बताते हैं कि जांच में एसआईटी ने बिकरु मामले में कानपुर पुलिस पर लगे आरोपों को सही पाया है। शासन के निर्देश पर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासनिक सुधार के लिए तीन तरह की सिफारिशें भी की हैं। 


एसआईटी की टीम में शामिल अधिकारी हालांकि अपनी जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि रिपोर्ट में गैंगस्टर विकास दुबे उसके सहयोगियों को जारी शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। 


गौरतलब है कि शासन ने एसआईटी को इस प्रकरण में विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए थे और जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के समय शासन स्तर से इस बात पर भी चिंता जताई गई थी कि कैसे विकास दुबे जैसे अपराधी व उसके करीबियों के शस्त्र लाईसेंस बने और किन पुलिसकर्मियों की उसके साथ संलिप्तता थी।


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