इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कि अनुमति की मांग राष्ट्रीय हित में नहीं

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कि अनुमति की मांग राष्ट्रीय हित में नहीं

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कि अनुमति की मांग राष्ट्रीय हित में नहीं है। विरोध प्रदर्शन की अनुमति राष्ट हित में नहीं दी जा सकती। ऐसे में विरोध प्रदर्शन के लिए याची को राहत नहीं दी जा सकती। न्यायालय ने कहा है कि यदि याची भारतीय नागरिक है ,तो हर कीमत पर उसे शांति कायम रखनी चाहिए। अदालत ने विरोध करने के लिए प्रदर्शन की मांग की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए उसे खारिज कर दिया है।

न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने फीरोजाबाद के मोहम्मद फुरकान की याचिका पर आज यह आदेश दिया। याचिका के विरोध में राज्य सरकार की तरफ से प्रतिवाद किया गया तथा कहा गया था कि इस प्रकार के अनुमति की मांग जायज़ नहीं है।

याची का कहना था कि कालेज के छात्रों ने सीएए के विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगी है। लेकिन अदालत ने अनुमति नहीं दी। स्थानीय प्रशासन ने इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन की अनुमति कानून व्यवस्था को लेकर तथा धारा 144 लगे होने का हवाला देते हुए देने से इन्कार कर दिया था।


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