ग्राम प्रधान ने खाद गड्ढे की जमीन में करवाया सामुदायिक शौचालय का निर्माण, 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण पर भी सम्बन्धित विभाग के जिम्मेदारो को पता नही

ग्राम प्रधान ने खाद गड्ढे की जमीन में करवाया सामुदायिक शौचालय का निर्माण, 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण पर भी सम्बन्धित विभाग के जिम्मेदारो को पता नही


कर्णवीर जायसवाल की रिपोर्ट 


नेबुआ रायगंज, कुशीनगर:हमेशा से अपने किसी न किसी क्रियाकलापो के चलते आये दिन चर्चाओं में रहने वाले नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के ग्रामसभा लक्ष्मीपुर के ग्राम प्रधान ने इस बार खाद गढ्ढे की जमीन में सामुदायिक शौचालय बनवाकर अपनी दबंगई या मनमानियों का परिचय दिया है, जिला स्तरीय अधिकारीयो के आदेशों की अवहेलना करते हुवे राजस्व के रिकार्ड में दर्ज गाटा संख्या 388/40 डी० की भुमी जो खाद गड्ढे की नाम से दर्ज है, उस पर 5.71 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य करवा दिया गया है, जिस खाद गड्ढे में ग्रामीण अपने मवेशियों के गोबर और घरों के कूड़ा करकट आदि डालकर किसान उपजाऊ गोबर की खाद बनाते थे, वहा पर अब घटिया स्तर के सामग्रियों से मानकविहीन शौचालय का निर्माण हो गया है, जबकि जिलास्तरीय अधिकारियों ने खाद गड्ढे और खलिहान की भूमि पर इसका निर्माण कार्य नही करवाने की सख्त हिदायत दी थी, पर


"जिसकी लाठी, उसकी भैस"


वाली कहावत को ग्राम प्रधान ने यहा चरितार्थ साबित कर दिया है,


उक्त गांव में जाकर जब हमारे समाचार पत्र के पत्रकारों की टीम ने इसकी जमीनी हकीकत का तहकीकात किया तो अनेको ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने अपनी दबंगई या मनमानियों के चलते सारे आदेशो को ताख पर रखते हुवे खाद गड्ढे की जमीन पर घटिया स्तर के सामग्रियों से मानकविहीन शौचालय का निर्माण कार्य करवा दिया है, निर्माणाधीन शौचालय में न तो कही पिलर (बीम) पड़ा है और ना ही इस्टीमेट के मुताबित इसका नीव खोदा गया है, सिल्ट वाली सफेद बालू से निर्मित इस शौचालय में मोरंग बालू एक मुट्ठी भी नही डाला गया है, अलुमुनियम की जगह टिन वाले दरवाजे लगवाकर केवल कागजी कोरमपूर्ती किया जा रहा है,


एक सरकारी आदेश जारी करके ये दिशा निर्देश दिया गया था कि किसी सक्षम अधिकारी के मौजूदगी में ही सामुदायिक शौचालयों की छत की ढलाई का कार्य सम्पन्न होगा, पर ग्राम प्रधान ने इस आदेश का भी पालन नही किया और बगैर किसी सक्षम अधिकारी की मौजूदगी और बिना किसी मशीनी उपकरण का प्रयोग किये ही इसकी छत का ढलाई का कार्य भी मनमाने तरीके से करवा दिया, गाटा संख्या 387 जो ठीक इसके बगल में स्थित है, उक्त विवादित भूमि की पैमाईस और सीमांकन करवाने में दर्जनों बार आये हल्का लेखपाल उस्मान गनी भी खाद गढ्ढा की जमीन में बन रहे सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य को भी रोकना उचित नही समझे, इसके निर्माण के पूर्व गाटा संख्या 387 और 388 का पैमाईस और उसका सीमांकन आदि इनके ही द्वारा करवाया गया था, यदि स्पस्ट लफ्जो में ये कहा जाये कि खाद गढ्ढे की जमीन में बनने वाले इस मानकविहीन शौचालय के निर्माण में पंचायतीराज विभाग और राजस्व विभाग के कर्मीयो की सह पर ही बनवाया गया है तो इसमे कोई अतिश्योक्ति नही होगी, यहा तक कि


स्थानीय ग्रामीणों की एक समूह ने खाद गड्ढे की भूमि पर घटिया स्तर के सामग्रियों से निर्माणाधीन मानकविहीन सामुदायिक शौचालय को अन्यत्र बनवाये जाने की भी मांग की है,


ग्राम पंचायत सचिव हृदयनारायण के अनुसार


राजस्व के द्वारा जो भूमि चिन्हित की गयी थी वही पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य करवाया गया है, वो जमीन किसका और कैसी है, इसकी जानकारी मुझे नही है,


 


नेबुआ नौरंगिया खण्ड विकास अधिकारी विनय कुमार दृवेदी ने कहा कि सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य किस प्रकार की जमीन पर हुयी है इसकी जानकारी मुझे नही है, पर इसका जाँच करवाया जायेगा,


जब किमुख्य विकास अधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग ने बताई कि उपरोक्त प्रकरण संज्ञान में नही था पर इसकी जांच करवाई जाएगी ..!!


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