उप्र विधान मंडल की महिला व बाल विकास की संयुक्त समिति की द्वितीय उपसमिति पहुंची खीरी, सभापति ने की योजनाओं की हुई समीक्षा, दिए निर्देश

उप्र विधान मंडल की महिला व बाल विकास की संयुक्त समिति की द्वितीय उपसमिति पहुंची खीरी, सभापति ने की योजनाओं की हुई समीक्षा, दिए निर्देश



लखीमपुर खीरी:शुक्रवार को उप्र विधान मंडल की महिला व बाल विकास संबंधी संयुक्त समिति (2019-20) की द्वितीय उप समिति की सभापति श्रीमती सरिता भदौरिया ने समिति की सदस्य व विधायक रजनी तिवारी व शुचिस्मिता मौर्या के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की एवं संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभापति सरिता भदौरिया ने विभिन्न विभागों में महिला व बाल विकास संबंधी जनकल्याणकारी योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा कर संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिला महिला चिकित्सालय के निरीक्षण में लेबर व डाइट पंजिका में कुछ एंट्री अपूर्ण मिलने, 108-102 एंबुलेंस के प्रचालन का डाटा रक्षित ना मिलने के मामले में उपसमिति ने सीएमओ को निर्देश दिए कि पूरे प्रकरण की जांच कर व्यवस्था दुरुस्त कराएं।

एसपी विजय दुल ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी। जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की राउंड द क्लाक ड्यूटी लगाई गई है। वहीं अब तक तीन बार जिले के सभी थानों में बेटियों को 1 दिन के लिए थानेदार की भूमिका अदा कर पुलिस के कामकाज देखें। 

समिति की सभापति में डीपीओ संजय निगम से महिलापरक योजनाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, वन स्टॉप सेंटर, निराश्रित महिला पेंशन, उप्र रानी लक्ष्मीबाई महिला व बाल सम्मान योजना के बारे में जानकारी हासिल की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। समिति के समक्ष सीएमओ ने ज़िले कि कोविड-19 स्थिति बताई। समिति ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत वितरित गोल्डन कार्डों की अद्यतन स्थिति जानी व तेजी लाने के निर्देश दिए। बेसिक शिक्षा की समीक्षा में बीएसए बुद्ध प्रिय सिंह ने बताया कि प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में नामांकन के क्षेत्र में खीरी प्रथम स्थान पर है। परिषदीय विद्यालयों में शासन द्वारा निर्धारित 14 पैरामीटर्स में हुए कार्य में भी खीरी प्रदेश में अव्वल है। बैग को छोड़कर स्वेटर, जूता, मोजा पाठ्य-पुस्तकें आदि का शत प्रतिशत वितरण कराया गया। डीपीओ (आईसीडीएस) सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि ज़िले में 3570 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील है। जिनमें 1109 विभागीय व अन्य प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में संचालित है। उन्होंने जनपद में कुपोषण की अद्यतन स्थिति एवं विभिन्न श्रेणियों की विस्तृत जानकारी हासिल की। आंगनवाड़ी केंद्रों पर बैठने वाले पोषाहार एवं ड्राई राशन के संबंध में भी जानकारी समिति को मुहैया कराइ।

समीक्षा में समिति के समक्ष डीसी-एनआरएलएम अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में कुल 12029 समूहों का गठन हुआ। इस वर्ष चार हजार लक्ष्य के सापेक्ष 3389 समूहों का गठन हुआ। 2152 समूहों को रिवाल्विंग फंड व 1513 समूह को सामुदायिक निवेश निधि दी गयी। 22 स्वयं सहायता समूह उचित दर विक्रेता के रूप में बेहतर काम कर रहे।

समिति ने निराश्रित महिला, वृद्धावस्था एवं दिव्यांग पेंशन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अनु.जाति अनु. जनजाति अत्याचार उत्पीड़न योजना, वरासत अभियान राजस्व वसूली श्रम एवं सेवायोजन, वन, कारागार एवं गृह विभाग की विस्तृत समीक्षा की।

बैठक के अंत में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि समिति की सभापति एवं अन्य सदस्यों द्वारा मार्गदर्शन एवं सुझाव का पूर्णतया अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन की सभी योजनाओं में जिले के अधिकारी बेहतर परफॉर्मेंस दिखाएंगे।

बैठक में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसपी विजय दुल, सीडीओ अरविंद सिंह, डीएफओ समीर कुमार, एडीएम अरुण कुमार सिंह, पीडी आरके चौधरी, डीडीओ अरविंद कुमार, डीएसटीओ राजेश कुमार सिंह, सहायक श्रम आयुक्त डॉ एमके पांडे, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी,डीएसओ विजय प्रताप सिंह, एडीआईओ विपिन कुमार समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।



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