नॉन बैंकिंग फाइनेंस और बिजली कंपनियों की मदद के लिए वित्तमंत्री की तीन बड़ी घोषणाएं

नॉन बैंकिंग फाइनेंस और बिजली कंपनियों की मदद के लिए वित्तमंत्री की तीन बड़ी घोषणाएं


नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया। वित्त मंत्री ने लघु कुटीर एवं मध्मयम (MSMEs) की मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन देने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 6 नए कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिड गारंटी दी जाएगी, जिससे 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा।

45 लाख यूनिट्स को मिलेगा फायदा, बचेगीं नौकरियां
सीतारमण ने प्रेस वार्ता में बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कुटिर उद्योग और गृह उद्योग मिलकर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। इनके लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन का प्रवाधान किया गया है। किसी को अपनी ओर से किसी तरह की गारंटी देने की जरूरत नहीं है। इसकी समयसीमा भी चार वर्ष की होगी। पहले एक वर्ष में मूलधन वापस नहीं करना पड़ेगा। 31 अक्टूबर, 2020 से इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है। इस योजना का लाभ लेकर 45 लाख यूनिट बिजनस ऐक्टविटी दोबारा शुरू कर सकते हैं और उनके यहां नौकरियां बचाई जा सकती हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि लघु और मझोली इकाइयों में एमएसएमई में एमएसएमई फंड ऑफ फंड के जरिये 50,000 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी डाली जाएगी।

EPF खाते में योगदान हुआ 10 प्रतिशत
कर्मचारी और नियोक्ता ईपीएफ खाते में 12-12 प्रतिशत का योगदान करते हैं। अब सरकार ने इसे बदल कर दस प्रतिशत कर दिया है। इससे कुल मिलाकर 6750 करोड़ रुपए लोगों के पास आएंगे।वित्त मंत्री ने कहा, "जिनका ईपीएफ का योगदान है, ऐसे संस्थानों के लिए और कर्मचारियों के लिए दस-दस प्रतिशत अगले तीन महीनों के लिए किया गया है लेकिन जो केंद्रीय सरकारी संस्थान हैं इनके लिए 12-12 प्रतिशत ही रहेगा। सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में 2,500 करोड़ रुपए देगी। सरकार ने इस योजना को जून से बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया है।



टीडीएस की दरों में की गई कटौती
कल से 31 मार्च 2020 तक टीडीएस दरों और टीसीएस दरों को मौजूदा दर से 25 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। जो टीडीएस दरें हैं वो सभी गैर सैलेरी वाले लोगों के लिए 25 प्रतिशत कम की गई हैं और इससे पचास हज़ार करोड़ रुपए का लाभ आम जनता को मिलेगा। इससे 50,000 करोड़ रुपए तक आम आदमी की जेब में पहुंचेगा। उदाहरण के लिए जो गैर-वेतन भोगी सौ रुपए टीडीएस देते थे, अब उन्हें 75 रुपए ही देने होंगे, 25 रुपए की बचत होगी।


बिल्डरों को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मिलेगा टाइम
कोरोना वायरस का असर रियल स्टेट प्रोजेक्टों पर भी पड़ा है। शहरी विकास मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देगा कि प्रोजेक्ट की जो रजिस्ट्रेशन और कंपलीशन तारीख है उसे स्वतः संज्ञान लेकर छह महीनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाए। 25 मार्च इसकी अंतिम तारीख थी उसे बिना व्यक्तिगत आवेदन मंगवाएं छह महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए।


ठेकेदारों को बैंक गारंटी में राहत दी गई 
जहां एक ओर पहले दो सौ करोड़ तक के टेंडर ग्लोबल नहीं होंगे, अब उसके बाद, जो अभी हमारे कांट्रेक्टर देश भर में रेलवे का, सड़कों का, केंद्र सरकार का काम कर रहे हैं, उन्हें अगले छह महीनों के लिए राहत दी जा रही है ताकि उन्हें कोई खामियाजा न भुगतना पड़े। जो सिक्योरिटी जमा की जाती थी उसे आंशिक रूप से जारी किया जा सकता है

एनबीएफसी को भी सरकार ने दिया प्रोत्साहन
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी एनबीएफसी या फिर हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट के लिए तीस हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है। इससे इनके धन की आपूर्ति भी होगी, इनके माध्यम से हाउसिंग सेक्टर और एमएसएमई सेक्टर को बल मिलेगा और लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा। इसकी गारंटी भारत सरकार देगी। एनबीएफसी को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिए 45,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराई जाएगी।


बिजली कंपनियों को 90,000 करोड़ की मदद 
बिजली वितरण कंपनियों के समक्ष गंभीर संकट है। सरकार 90,000 करोड़ रुपए की आपात नकदी उपलब्ध करायी जाएगी।

आत्म निर्भर भारत मतलब भरोसे वाला भारत
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के आह्वान का मतलब यह कतई नहीं हम दुनिया से कट जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह भी नहीं है कि हम सिर्फ ‘अंदर' ही देखेंगे और ‘अलगाववादी' देश बन जाएंगे। वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान का मतलब एक भरोसे वाले भारत से है जो अपनी ताकत पर निर्भर रह सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी अपना योगदान दे सकता है। मंत्री के पास क्षमता और उद्यमिता है, जिससे वह क्षमता का निर्माण कर सकता है और दुनिया की मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जब प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर' भारत की बात कर रहे हैं तो उसका मतलब सिर्फ देश के अंदर ही देखना नहीं है और न ही खुद को दुनिया से काटना है।''

सीतारमण ने यहां 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह एक विश्वास से परिपूर्ण भारत की ताकत को दिखाता है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि व्यक्तिगत रक्षा उपकरणों यानी पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर का उत्पादन इन 40 दिनों में काफी तेजी से बढ़ा है।'' मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए लोगों से स्थानीय उत्पादों की खरीद करने का आह्वान किया। उनके इस आह्वान को ‘संरक्षणवाद' से जोड़कर देखा जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे हम एक आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा विभिन्न अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस पैकेज को अंतिम रूप दिया गया है।



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