राज्य सभा सदस्य अमर सिंह का शनिवार को निधन हो गया। वो पिछले कुछ समय से सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे अमर सिंह पिछले छह महीने से सिंगापुर में अपना इलाज करवा रहे थे। अमर सिंह समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शामिल थे। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे, उन्हें जुलाई 2016 में उच्च सदन के लिए चुना गया था। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1996 में राज्यसभा सदस्य चुने जाने के साथ ही हुई थी।
अमर सिंह के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक जताया।
मार्च में उनके निधन की अफवाह उड़ी थी, जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए वीडियो जारी कर कहा था कि 'टाइगर अभी जिंदा है।' वीडियो जारी कर अपने चिर परिचित अंदाज में अमर सिंह ने कहा था, 'सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं। मैं बीमार हूं, त्रस्त हूं लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं हूं।
ऐसे हुई थी राजनीति में एंट्री
कहा जाता है कि साल 1996 में फ्लाइट के दौरान अमर सिंह की तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह से मुलाकात हुई, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में आए। हालांकि, इससे पहले भी वह मुलायम सिंह से मिल चुके थे, लेकिन इसके बाद ही मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाने का फैसला किया। समाजवादी पार्टी से राज्य सभा के सदस्य चुने गए अमर सिंह को कथित रूप से पारिवारिक विवाद के बाद समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया।कहा जाता है कि उनको पार्टी से निकाले जाने में आजम खान और अखिलेश यादव की प्रमुख भूमिका रही। हालांकि साल 2010 में मुलायम सिंह ने भी इनको पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद इन्होंने राजनीतिक जीवन से कुछ समय के लिए संन्यास भी ले लिया था। मगर साल 2016 में इनकी फिर से समाजवादी पार्टी में वापसी हुई।
फिल्म, राजनीति और बिजनेस के काकटेल
अमर सिंह के बारे में यह कहा जाता था कि वह राजनीति, फिल्म और बिजनेस का कॉकटेल हैं। समाजवादी पार्टी में रहते उन्होंने इसे सिद्ध भी किया। कई बार ऐसे मौके आए जब पार्टी को उन्होंने अपने राजनैतिक समझदारी से परेशानी से उबारा। जया बच्चन को राजनीति में लाने का काम अमर सिंह ने ही किया था लेकिन पार्टी से निष्कासन के समय बच्चन परिवार से इनकी दूरियां बढ़ गईं। कहा यह भी जाता है कि अमिताभ बच्चन के बुरे वक्त में अमर सिंह ने उनका साथ खूब निभाया था।
0 टिप्पणियाँ