इंडो नेपाल बॉर्डर के सरहदी क्षेत्र में नहीं लगाया गया स्ट्रीट लाईट,भारत से नेपाल को जोडऩे वाली नेशनल हाईवे 927 रोड पर शाम के बाद निकलने में लगता है डर 

इंडो नेपाल बॉर्डर के सरहदी क्षेत्र में नहीं लगाया गया स्ट्रीट लाईट,भारत से नेपाल को जोडऩे वाली नेशनल हाईवे 927 रोड पर शाम के बाद निकलने में लगता है डर 


 


रूपईडीहा-बहराइच: भारत से नेपाल को जोडऩे वाली नेशनल हाईवे 927 रोड पर शाम के बाद निकलने में डर लगता है करीब दो किलोमीटर लम्बी इस 4 लेन सडक़ पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम ढलते ही यहां अंधेरा पसर जाता है।


यह स्थिति तब है जब इस सडक़ के दोनों ओर घर बसे हुए है । स्थानीय लोग लम्बे समय से मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेने से यह समस्या यथाबत बनी हुई हैं।


विकास खंड नवाबगंज में आने वाले कस्बे की पहचान भारत नेपाल के सरहदी क्षेत्र के रूप में की जाती है और इस क्षेत्र में नेपालियों का खरीदारी के लिए आना जाना लगा रहता है ।


प्रतिदिन हजारों की संख्या में मालवाहक ट्रक नेपाल जाते है ।


क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधि के साथ अधिकारियों की है, लेकिन यहां से चुने गए जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस क्षेत्र की लम्बे समय से अनदेखी कर रहे हैं। पहले इस क्षेत्र की समस्या सडक़ और बिजली थी। इसे देखते हुए नेशनल हाईवे अथार्टी ऑफ इंडिया ने चार वर्ष पहले यहां सडक़ का निर्माण कर दिया, लेकिन प्रशासन ने अब तक यहां की मुख्य सडक़ पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू नहीं किया।


जबकि विगत में रहे डीएम अजय दीप सिंह ने इंडो नेपाल बॉर्डर के सरहदी क्षेत्र रूपईडीहा का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि जल्द ही नेशनल हाईवे के डिवाइडर पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी ।


शाम के बाद हर समय रहता है हादसे का डर


अंधेरे से बना रहता है हादसों डर


नेशनल हाईवे रोड पर कुछ माह पूर्व रात के समय एक बाइक सवार अंधेरे के चलते सडक़ पर बैठे मवेशियों को नहीं देख पाया और उसकी बाइक टकरा गई। इस हादसे में उस व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके अलावा सडक़ पर अंधेरा होने के कारण रात के समय लोगों को सडक़ पर लूटपाट जैसी घटनाओं का भी डर बना रहता है।


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