नौकरी का झांसा देकर युवतियों और किशोरों को तस्करी कर ले जा दलालों को सीमा बल के जवानों ने तस्करों को पकड़ कर युवतियों को नेपाल वापस भेजा

नौकरी का झांसा देकर युवतियों और किशोरों को तस्करी कर ले जा दलालों को सीमा बल के जवानों ने तस्करों को पकड़ कर युवतियों को नेपाल वापस भेजा


रूपईडीहा-बहराइच:कोविड-19 महामारी से चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच नेपाल से मानव तस्करी बढ़ी है। दिल्ली से काठमांडू तक फैला दलालों का रैकेट नौकरी का झांसा देकर युवतियों और किशोरों को तस्करी कर ले जा रहे है। बीते 6 माह में ऐसे कई मामले पकड़ में आए है जिसमें इंडो नेपाल बॉर्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने तस्करों को पकड़ कर युवतियों को नेपाल वापस भेजा गया है।


बुधवार को सीमा की सुरक्षा में लगे सशस्त्र सीमा बल के महिला उपनिरीक्षक संगीता, महिला आरक्षी संतोष, धर्मबीर ने चेकिंग के दौरान एक युवती को दो युवको के साथ नेपाल से भारत आते समय शक के आधार पर रोका और पूछताछ की।


कमांडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि युवती ने बताया कि इन लोगो को नहीं जानती सिर्फ फोन से बात किया करते थे तथा इन लोगो ने मुझे दिल्ली में नौकरी दिलाने के लिए कहा कि तुम मेरे साथ चलो तुम्हे दिल्ली में नौकरी पर लगवा दूंगा इसीलिए मैं इन लोगो के साथ चली आई ।


पूछताछ के क्रम में युवती ने अपना नाम मीना सिंह (काल्पनिक) पुत्री राम सिंह ठाकुर उम्र 23 वर्ष पता गेरुवा गांव पालिका वार्ड नं. 6 जिला बर्दिया का बताया| युवती ने बताया कि दो लोग जिनका नाम मेरो रावत पुत्र दल बहादुर रावत उम्र 40 वर्ष पता करवे गांव पालिका वार्ड 4 जिला दांग और दूसरा युवक गगन महर पुत्र मोटी लाल महर उम्र 37 वर्ष पता लगाई गांव पालिका वार्ड न 8 का रहने वाला है। इस आधार पर सहायक कमांडेंट एल के गरवा व देहात संस्था की टीम हसन फिरोज, देवेश अवस्थी,निर्मला साह,सरिता श्रीवास्तव ने नेपाली संस्था शक्ति समूह की निर्मला को युवती को सौप दिया और नेपाल पुलिस मिर्ज बहादुर व सुदामा चौधरी की सहमति से युवती को सही सलामत शक्ति समूह के उसे उसके घर भेजने की जिम्मेदारी दी। नेपाल प्रहरी को दोनों युवक सुपुर्द कर दिया गये जिनपर नेपाल प्रहरी कार्यवाही करेगी।


 


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