जनपद में 15 दिसम्बर से 20 फरवरी 2021 तक संचालित रहेगा निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनी में दर्ज कराये जाने का कार्यक्रम

जनपद में 15 दिसम्बर से 20 फरवरी 2021 तक संचालित रहेगा निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनी में दर्ज कराये जाने का कार्यक्रम



कासगंज । जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि राजस्व अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में विरासत दर्ज करने हेतु 15 दिसम्बर से 20 फरवरी 2021 तक दो माह का विशेष अभियान चलाये जाने का निर्णय लिया गया है।  

         निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक राजस्व, तहसील के अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में खतौनियों को पढ़ा जायेगा तथा लेखपाल द्वारा विरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आॅनलाइन कराया जायेगा। 31 दिसम्बर से 15 जनवरी 2021 तक लेखपालों द्वारा आॅनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। 16 जनवरी से 31 जनवरी तक राजस्व निरीक्षक द्वारा जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जायेगी तथा राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अध्यावधिक कराया जायेगा। 01 फरवरी से 07 फरवरी तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 08 फरवरी से 15 फरवरी 2021 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक तहसील के राजस्व ग्रामों की वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से रैण्डमली जांच कराई जायेगी। तत्पश्चात जनपद की प्रगति रिपोर्ट परिषद की वेबसाइट पर फीड कराई जायेगी।

           राजस्व ग्रामों में खतौनियों के पढ़े जाने तथा विरासतों को दर्ज किये जाने की कार्यवाही का समय समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा स्थलीय निरीक्षण कियाज जायेगा। उपजिलाधिकारी व तहसीलदार का यह दायित्व होगा कि जिन ग्रामों के अधिकतर काश्तकार अन्य स्थानों पर निवास करते हों, उन ग्रामों पर विशेष ध्यान दिया जाये।

          यह शासन की प्राथमिकता का समयबद्व महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। अतः इस कार्य को समयबद्धता से पूर्ण करते हुये समस्त सूचनायें समय से उपलब्ध कराई जायें तथा कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाये। किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं बिलम्ब के लिये सम्बन्धित अधिकारी, कर्मचारी की जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।

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