उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर लागू होगी यह प्रक्रिया, आइए जानते क्या है पुरा.....

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर लागू होगी यह प्रक्रिया, आइए जानते क्या है पुरा.....



उत्तर प्रदेश उत्तर भारत का एक राज्य है यह लगभग 20 करोड़ से अधिक निवासियों के साथ, यह भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, और साथ ही दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश उपखंड है। यह 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के रूप में स्थापित किया गया था।


उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पंचायत चुनावों (UP Panchayat Polls) को लेकर तैयारियां पूरी जोर शोर से चल रही हैं. जहां एक ओर वोटर लिस्ट का काम पूरा हो चुका है, वहीं अब चुनाव ड्यूटी को लेकर भी तैयारी तेज रफ़्तार से चल रही है. इतना ही नहीं सभी राजनीतिक पार्टियां भी चुनावी मोड में आ चुकी हैं. इस बार सबकी नजर पंचायत चुनाव में लागू होने जा रही नए सिरे से आरक्षण व्यवस्था पर टिकी हुई है.

इस बार ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का नए सिरे से आरक्षण होगा. इसके लिए बाकायदा पंचायती राज निदेशालय की तरफ से यूपी सरकार को एक फॉर्मूला भेजा गया है. इस पर मंजूरी मिलते ही आरक्षण की नए सिरे से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें साल 2015 के पंचायत चुनाव में भी सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था.

ये है फार्मूला

जानकारी के अनुसार हर ब्लॉक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला के क्रम में बनाई जाएगी. इसमें एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक पर अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में घटते क्रम में होगी.

सीटों के आरक्षण में फेरबदल

2015 में जो पंचायत एससी-एसटी के लिए आरक्षित थी, उन्हें इस बार एससी-एसटी के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा. इसी तरह अगर 2015 में पंचायत का प्रधान पद ओबीसी के लिए आरक्षित था तो इस बार उसे दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा. माना जा रहा है कि नए नगरीय निकायों के गठन या सीमा विस्तार का आरक्षण पर असर दिख सकता है. हालांकि, अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इशारा किया है कि चुनाव मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं.

पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि पंचायत चुनाव समय से कराना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. अनुमान है कि चुनाव मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में हो पाएंगे. आगे 21-21 दिन की अधिसूचना पर जिला पंचायतों के अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों का चुनाव संपन्न कराने का काम किया जाएगा.

10 जनवरी को होगी बैठक

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 10 जनवरी को इस संबंध में एक अहम बैठक होने जा रही है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है. इस बार भी ऐसे ही होगा. इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय करने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बारे में शासनादेश जारी करने का काम होगा. आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी वक्त है. पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होगी.

जल्द जारी होगी वोटर लिस्ट

पंचायत चुनाव में नए वोटर बनाने का भी काम पूरा हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग जल्द ही संशोधित वोटर लिस्ट जारी करेगा. 22 जनवरी को फाइनल मतदाता सूची जारी की जाएगी. अभी आए सभी आवेदनों का अवलोकन किया जा रहा है.

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