उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कोरोना संक्रमण से हुई पहली मौत,प्रशासन की बढ़ी चिंता

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कोरोना संक्रमण से हुई पहली मौत,प्रशासन की बढ़ी चिंता






उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कोरोना संक्रमण से पहली मौत का मामला सामने आया है। कोविड लेवल दो अस्पताल में भर्ती नगर निगम क्षेत्र के हजियापुर निवासी कोरोना संक्रमित मरीज ने मंगलावर देर रात दम तोड़ दिया। 


अस्पताल प्रशासन ने शव को शवगृह में रखवाकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी है। 35 वर्षीय युवक ने बीते 25 अप्रैल को ही जांच कराई थी, जिसके बाद 27 अप्रैल को उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह पहले से ही मधुमेह का मरीज था और उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। संक्रमित युवक बिना डिग्री के एक अस्पताल में मेडिकल प्रैक्टिस करता था, साथ ही टीबी डॉट्स सेंटर भी चलाता था। कुछ दिनों पहले बरेली को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद अचानक सोमवार को युवक को संक्रमित पाया गया था। इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। 


संक्रमण की पुष्टि होने के बाद तत्काल ही उसके परिवार के छह सदस्यों को भी क्वारंटीन कर सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। पूरे हजियापुर इलाके को सील कर पुलिस फोर्स लगाई गई है। संक्रमित युवक के घर के एक किलोमीटर के दायरे को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। 


कैसे संक्रमित हुआ युवक, पता लगाने में छूट रहे पसीने
स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस-प्रशासन की टीमों के सामने यह पता लगाने की चुनौती अब भी बनी हुई है कि युवक तक कोरोना संक्रमण आखिर कैसे पहुंचा। मंगलवार को दिन भर इस पर माथापच्ची की गई, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। 


युवक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से अब तक अफसरों से लेकर जांच कर रही टीमें तक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उसे आखिर संक्रमण हुआ कैसे? पता चला कि अबूधाबी से लौटे परिवार की महिला के इलाज के दौरान झोलाछाप का उसके परिवार से संपर्क रहा था। 






पिछले दिनों पड़ोस में रामपुर से आने वाले लोगों से भी उसका मिलना-जुलना हुआ था। इन सभी लोगों के साथ पड़ोस में रहने वाले झोलाछाप के साढ़ू के परिवार के लोगों की भी जांच कराई जा रही है। इंस्पेक्टर बारादरी नरेश त्यागी का कहना है कि झोलाछाप की पत्नी और बेटी के साथ ही परिवार के सभी लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। 


यह चकित करने के साथ-साथ एक सुखद पहलू भी है कि वह परिवार के लोगों के सबसे ज्यादा संपर्क में रहा फिर भी संक्रमण नहीं फैला। अगर ऐसा हो जाता तो इस मलिन बस्ती में सामुदायिक संक्रमण की आशंका बढ़ सकती थी। मंगलवार को पुलिस ने उस अस्पताल के स्टाफ और प्रबंधन से भी पूछताछ की जहां झोलाछाप अक्सर आता-जाता था। 


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह यहां मरीजों को रेफर करने के साथ ही कंपाउंडर का काम भी करता था। ऐसे में बड़ी संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि कहीं इस अस्पताल में आए किसी मरीज के संपर्क में आकर तो वह संक्रमित नहीं हुआ। हालांकि अस्पताल प्रबंधन युवक से किसी तरह के संबंधों से इनकार कर रहा है।









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