गांव - गांव बिगड़ने लगा है माहौल - पंडित भरत उपाध्याय

गांव - गांव बिगड़ने लगा है माहौल - पंडित भरत उपाध्याय


विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार


मधुबनी, लॉक डाउन में विभिन्न प्रदेशों से गांव आ रहे प्रवासी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिन्हें को रनटाइन सेंटर पर कुछ विशेष एडवाइजरी के साथ रखा जा रहा है। जिसका अनुपालन करने की बजाए युवा मजदूर बेफिक्र होकर गांव-गांव घूम रहे हैं जिससे ग्रामीणों में करुणा संक्रमण को लेकर दहशत फैल गई है। देखा जा रहा है की मना करने पर आपस में विवाद की स्थिति बन रही है कुछ जगहों पर मारपीट की भी सूचना प्राप्त हुई है। कोरोना की संक्रमण से प्रभावित होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। बेफिक्र और और अ सावधान रहने वाले प्रवासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इससे क्षेत्र की ग्रामीण जनता मानसिक तनाव झेल रही है। लोग घरों में बंद रहने को मजबूर है। जो पत्र-पत्रिका एवं टीवी मोबाइल या हर संचार के माध्यम पर सबसे ज्यादा कोरोनावायरस की खबरों से व्याकुल हो गए हैं। हर आदमी इसकी चर्चा में मशहूर रहता है। ऐसे में चिंता और तनाव होना स्वाभाविक है। देश पर देश की हालत सुधारने की बजाय बिगड़ती जा रही है। सवा लाख से ऊपर भारतवासी इस महामारी की चपेट में है। ऐसे में मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग हमेशा करना होगा। साथ ही भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा। इसका एकमात्र उपाय यह है की इसे अपने व्यवहार में शामिल कर सतर्क रहा जाए। सावधानी से ही इस महामारी से निजात मिलेगी। सिर्फ सरकारी प्रयासों के भरोसे हमें नहीं बैठना है। हम लोग जितना सजग रहेंगे, बीमारी उतनी ही दूर रहेगी। खासकर प्रवासी जो अपने गांव आ रहे हैं उन्हें सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सतर्क रहने की जरूरत है अन्यथा वह तो परेशान हो ही रहे हैं उनके घर और गांव के लोग बेवजह परेशानी का शिकार हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत ब्लॉक से लेकर अनुमंडल और जिला स्तर पर सभी लोग लाचार नजर आ रहे हैं हाय रे कोरोना हाहाकार मचा दिया इसलिए हम सभी शारीरिक दूरी बनाते हुए मास्क का हमेशा उपयोग करें सावधान रहें इसी में सबकी भलाई है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ