कानपुर के चर्चित बसपा नेता पिंटू सेंगर मर्डर केस में मुख्य आरोपी सऊद अख्तर का भाई महफूज के खिलाफ सुबूत जुटाकर उसे तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश एडीजी (कानपुर जोन) ने दिया है। विवेचना के दौरान एक बड़े अफसर के दबाव में पुलिस ने महफूज का नाम हटा दिया था। मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो एडीजी ने डीआइजी से बातचीत कर साक्ष्यों के आधार पर उसे फिर से आरोपी बनाकर गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया। एडीजी ने मातहतों से कहा है कि अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश कराएं।
करीब चार महीना पहले चकेरी थाना एरिया में बीएसपी लीडर पिंटू सेंगर की फिल्मी स्टाइल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। हत्याकांड के बाद से ही एक बड़े अफसर के दबाव में काम कर रही पुलिस ने मुख्य आरोपी सऊद अख्तर के भाई महफूज समेत कई लोगों के नाम चार्जशीट से हटा दिए।
सऊद के भाई महफूज का नाम पूर्व विवेचक रामप्रकाश गुप्ता ने कर्मचारियों के बयानों के आधार पर हटा दिया। जबकि मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद पुलिस ने धारा-169 के जरिए नाम निकालने की कोशिश की थी, जिसे अदालत ने नहीं माना था। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने पर एडीजी जय नारायन सिंह में बताया कि मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक पुलिस ने जो चार्जशीट अदालत में पेश की है, उसमें महफूज की कॉल डिटेल भी है, जिसमें प्रमुख शूटर से उसकी बातचीत की पुष्टि हो रही है। ऐसे में उसे क्लीनचिट कैसे दी गई ? समझ से परे हैं। एडीजी ने एसएसपी/एडीजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को महफूज को गिरफ्तार कराने और उसके खिलाफ और पुख्ता सबूत जुटाने के आदेश दिए हैं।
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