आजम की ‘ओछी’ बात पर अकेले पड़े अखिलेश, ऐसे कैसे चलेगी सदन में समाजवादी सियासत

आजम की ‘ओछी’ बात पर अकेले पड़े अखिलेश, ऐसे कैसे चलेगी सदन में समाजवादी सियासत


समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को भूमफिया घोषित किए जाने वाले मामले को पार्टी की ओर से यूपी के दोनों सदनों में बड़ी जोर-शोर से उठाया गया. सपा ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खां के खिलाफ दर्ज करवाई जा रही एफआईआर का मुद्दा उठाया. हालांकि इस मुद्दे पर सपा को विपक्ष के अन्य दलों का साथ नहीं मिल पा रहा है.


नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों के रहने से ही लोकतंत्र चलता है. लेकिन, महसूस हो रहा है कि सरकार विपक्ष को खत्म कर देना चाहती है. आजम खां पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह दीवानी और राजस्व से संबंधित हैं, लेकिन एफआईआर थाने पर बिना राजस्व अधिकारी की रिपोर्ट के दर्ज करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सपा ने अपनी कमिटी भेज कर जांच करवाई है. उन्होंने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि यदि उस कमिटी की जांच पर विश्वास न हो, तो विधानसभा की सर्वदलीय कमिटी से इसकी जांच कराई जा सकती है.


लेकिन कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि आजम खां के विवि के जो बिल आए हैं, उसका वह समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उसमें विसंगतियां हैं. उन्होंने कहा, हमारा सपा के साथ कोई गठबंधन तो है नहीं कि हम हर मुद्दे पर उनके साथ रहेंगे, लेकिन यह भी कहूंगा कि किसी व्यक्ति को राजनीतिक द्वेष के चलते परेशान नहीं किया जाना चाहिए. मामले की न्यायपूर्वक जांच हो. कानून के दायरे में सब आते हैं. किसी पार्टी विशेष को निशाना बनाकर परेशान नहीं किया जाना चाहिए.


वहीं बसपा से विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा, हम जो मुद्दा विधानसभा में लाते हैं, उसी पर बात करते हैं. आजम खां के प्रकरण में मुझे कोई जानकारी नहीं है. इस मामले की वास्तविकता जाने बिना कोई कमेंट करना ठीक नहीं है. एक बात तो है कि भाजपा हर मुद्दे में राजनीति कर रही है. भाजपा अपने विरोधियों को परेशान कर रही है. हमारी पार्टी पर मुद्दे तय होते हैं कि किस पर बोलना है, किस पर नहीं. इस मुद्दे पर मेरा कोई विचार नहीं है.


दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना सदन में कई सारे तथ्य लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आजम खां और रामपुर के पूर्व सीओ सिटी के खिलाफ एफआईआर एसडीएम सदर, रामपुर के आदेश पर दर्ज हुई हैं. साथ ही उन्होंने एफआईआर दर्ज करानेवालों के नामों सहित उन लोगों के नामों की जानकारी सदन को दी, जिनकी जमीनें विवि में शामिल की गई हैं.


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