उपचुनाव से पहले मायावती को अखिलेश ने दिया यह बङा झटका

उपचुनाव से पहले मायावती को अखिलेश ने दिया यह बङा झटका


बहुजन समाज पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रमुख मायावती के साथ गठबंधन टूटने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने पार्टी को अपने दम पर प्रदेश की राजनीति में फिर से खड़ा करने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं। सपा सुप्रिमो पार्टी में बड़े पैमाने में बदलाव कर रहे हैं और उन नेताओं को तरजही दे रहें हैं जो जमीन से और जनता से जुड़े हुए हैं। इसके लिए वे दूसरे पार्टी के नेताओं को भी अपने पाले में लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।


अभी हाल ही में अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी कभी मायावती के करीबी रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री घूराराम को सपा में शामिल किया है। इसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा कि ज़मीन से जुड़े बसपा घूराराम जी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से सपा का सामाजिक व राजनीतिक जनाधार और भी सशक्त हुआ है। उनके साथ ही सपा में सम्मिलित होने वाले पूर्व विधायक, अन्य ब्लॉक प्रमुखों व हज़ारों कार्यकर्ताओं का सपा में स्वागत व अभिनंदन! गौरतलब है कि पूर्वमंत्री एवं बसपा के वरिष्ठ नेता घूराराम, फूलन सेना के अध्यक्ष गोपाल निषाद, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ के गिरजेश यादव, अच्छेलाल निषाद और डॉ गीता कुमार ने अपने तमाम साथियों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। घूराराम के साथ बलिया जनपद के बेल्थरा रोड एवं रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के बसपा के तमाम पदाधिकारी भी बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं।


आपको बता दें कि घूराराम 1993 में सपा-बसपा गठबंधन सरकार में मंत्री व विधायक रहे। सन् 2002 से 2012 तक लगातार रसड़ा, बलिया से विधायक रहे। सन् 2019 से लोकसभा प्रभारी प्रत्याशी, लालगंज, आजमगढ़ एवं प्रभारी राजस्थान, प्रभारी गुजरात एवं महाराष्ट्र रहे।अखिलेश यादव की नजर आगामी होने वाले 13 सीटों पर उपचुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। माना जा रहा है कि अखिलेश दूसरे दलों के कई बड़े नेताओं को अपने पार्टी में लाना चाहते हैं।


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