गोरखपुर के निर्माणाधीन खाद कारखाने को लेकर बड़ा एलान, 2021 से कारखाने में व्यवसायिक उत्पादन हो जाएगा शुरू

गोरखपुर के निर्माणाधीन खाद कारखाने को लेकर बड़ा एलान, 2021 से कारखाने में व्यवसायिक उत्पादन हो जाएगा शुरू


केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गोरखपुर के निर्माणाधीन खाद कारखाने को लेकर बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि यह कारखाना 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा। फरवरी 2021 से कारखाने में व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखपुर खाद कारखाने के निरीक्षण के बाद कही। दोनों नेताओं ने कारखाने में चल रहे निर्माण के कामों की गति और कार्यकुशलता को लेकर खुशी जताई। काम में जुटी इंजीनियरों, अधिकारियों, कर्मचारियों और मजदूरों की टीम को शाबाशी दी और जमकर तारीफ की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत निगरानी में सारा काम हो रहा है। केंद्र सरकार भी मानीटरिंग कर रही है। जापान की टोयो इंजीनियरिंग कम्पनी को इसका काम सौंपा गया है। प्लांट का 66 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कम्पनी तय समय से पहले काम पूरा करने वाली है। काफी तेजी से काम चल रहा है। फरवरी 2021 से कारखाने से खाद मिलने लगेगी। सात हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत वाले इस कारखाने में नौजवानों को बड़ी संख्या में नौकरियां मिलेंगी और अप्रत्यक्ष रोजगार की सम्भावना बनेगी। उन्होंने कहा कि 26 साल से बंद पड़े इस कारखाने को शुरू कराने के लिए सांसद रहते योगी आदित्यनाथ ने काफी प्रयास किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वांचल की जनता के इस दर्द को समझा और कारखाना को फिर से शुरू करने की परियोजना का शिलान्यास किया। 


पहले से अधिक क्षमता और बेहतर प्लांट बन रहा 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद कारखाने को 26 साल बाद शुरू कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि खाद कारखाना गोरखपुर की पहचान बन चुका था। इसके बंद होने से लोगों में निराशा थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कई मंत्रालयों ने इसके निर्माण में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, भारत सरकार की सभी सम्बन्धित संस्थाओं और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सात हजार करोड़ से अधिक के निवेश से शुरू किया जा यह प्लांट पहले से बेहतर और क्षमतावान होगा। इसके शुरू होने पर पूर्वांचल में नौकरी, रोजगार, किसानों के जीवन में खुशहाली के साथ ही रचनात्मक गतिविधियों की शुरुआत भी होगी।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ