दुष्कर्म के मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद महज 120 घंटों में कोर्ट ने सुना दिया फैसला

दुष्कर्म के मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद महज 120 घंटों में कोर्ट ने सुना दिया फैसला


सिद्धार्थनगर जिले के विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट रामचंद्र यादव प्रथम की कोर्ट ने शनिवार को नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म के मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद महज 120 घंटों में फैसला सुना दिया। पिता को दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। राज्य सरकार को दो लाख रुपये छतिपूर्ति देने के निर्देश भी दिया गया है।


13 नवंबर को हुई थी घटना


उक्‍त घटना 13 नवंबर की है। पुलिस ने 18 नवंबर को मामले की चार्जशीट दाखिल की। पांच दिनों की जिरह के बाद न्यायालय ने उक्‍त निर्णय सुनाया है।


पीडि़ता की मां ने दी थी अपने पति के खिलाफ तहरीर


शासकीय अधिवक्ता पवन कर पाठक ने बताया कि मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग की मां ने अपने पति के खिलाफ तहरीर दी थी। उसने कहा कि पिता उसकी नाबालिग पुत्री (15) के साथ दुष्कर्म करता है। विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाता है। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया।


कोर्ट ने विवेचक को जल्‍द सुनवाई के लिए किया था निर्देशित


कोर्ट ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए विवेचक को निर्देशित किया। विवेचक एसओ मिश्रौलिया आलोक श्रीवास्तव ने पांच दिनों में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करने के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।


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