लखनऊ: मौका तो यह संविधान पर चर्चा का था, लेकिन मंगलवार को संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर बुलाए गए विधानमंडल के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों सदनों में सरकार की घेराबंदी में जुटे विपक्ष को चर्चा के माध्यम से करारा जवाब दिया। विधान परिषद में उन्होंने बिजली विभाग में हुए भविष्य निधि घोटाले के लिए अखिलेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि इसकी शुरुआत दिसंबर 2016 में की गई थी। सवाल किया कि पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक के कार्यकाल को कौन सरकार बिना कैबिनेट की मंजूरी के बढ़ा रही थी? पीएफ घोटाले का मास्टरमाइंड पिछली सरकार का सबसे प्रिय अफसर था जिसे हमनें जेल में ठूंसा है। घोटाले के दोषियों को सजा तो मिलेगी ही, उनकी संपत्ति जब्त कर पाई-पाई वसूली जाएगी।
जिसके कलेजे में होगा दम, वहीं हटाएगा अनुच्छेद 370
योगी ने डॉ.भीमराव आम्बेडकर के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया जिनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का साहस दिखाया। कहा कि 1952 में बाबा साहब की असहमति के बावजूद अनुच्छेद 370 जोड़ा गया था। तब आम्बेडकर ने कहा था कि यह कश्मीर के लिए विषबेल साबित होगी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। देश की 563 रियासतों को एक छतरी के नीचे लाने वाले सरदार पटेल के सहायक वी.शंकर ने अपनी किताब में लिखा है कि लौहपुरुष ने कहा था कि अनुच्छेद 370 में कोई दम नहीं है। लेकिन इसे बेदम वही कर सकेगा जिसके कलेजे में दम होगा।
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