सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। यह फैसला मेक इन इंडिया को ध्यान में रखकर लिया गया है। इन पार्क की स्थापना से देश में विश्वस्तरीय मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सकेगा।
इन्हें घरेलू बाजार में उचित कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। अनुमति हासिल करने वाले पार्को में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में स्थापित होने वाला एक-एक पार्क शामिल है। हालांकि उत्तराखंड और गुजरात ने भी इस तरह के पार्क स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया था।
इन पार्क में मेडिकल उपकरणों के उत्पादन हेतु जरूरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे आयात बिल में कटौती संभव हो सकेगी, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली टेस्टिंग सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी और लागत में कमी आएगी। हाल ही में आंध्र प्रदेश के मेडटेक जोन में सुपरकंडक्टिंग मैग्नेटिक कॉयल टेस्टिंग के लिए सीएफसी की स्थापना को मंजूरी दी जा चुकी है।
एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश के रिटेल मार्केट में मेडिकल डिवाइस का कारोबार करीब 70 हजार करोड़ रुपये का है। इन उपकरणों के मामले में भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। इसके बावजूद भारतीय मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री बहुत छोटी है। भारत अपनी जरूरत के लिए आयात पर निर्भर है। मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के बाद इस स्थिति को बदलने में मदद मिलेगी।
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