अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के पालन की दिशा में केंद्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बुधवार को यहां एक बार फिर उम्मीद जताई कि ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण रामजन्मभूमि न्यास द्वारा तैयार डिजाइन के अनुरूप ही करेगा। न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में वर्ष 1990 से कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चला रहा है। इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ, कि जब भी राम लला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा।कार्यशाला के प्रभारी 79 वर्षीय अन्नू भाई सोमपुरा ने बताया कि रामजन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा। इसमें कुल 212 खंभे होंगे। शर्मा ने उम्मीद जताई कि नए ट्रस्ट में न्यास का भी कोई प्रतिनिधि होगा। उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस ट्रस्ट में शामिल करना चाहिए। राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सोमनाथ ट्रस्ट की तर्ज पर होना चाहिए।' गौरतलब है कि विहिप राम जन्मभूमिन्यास की समर्थक रही है। विहिप के सदस्य कार्यशाला में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। गत 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दशकों पुराने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में निर्णय दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया, जबकि मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को अन्यत्र 5 एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया।
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