जानें भारत के अलावा किन देशों में लागू है नागरिकता कानून

जानें भारत के अलावा किन देशों में लागू है नागरिकता कानून

पूरे देश में इस समय नागरिकता कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। दिल्ली समेत कई जगहों पर  हिंसक प्रदर्शन हो रहे की संपत्ति का उधर सही व्याख्या के अभाव में ऐसी ही स्थितियां नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी को लेकर भी है। दोनों जानकारी का अभाव और सुनी सुनाई पर कि चौतरफा अलबत्ता हकीकत यह है कि सीएए या जिसे सीएबी भी कहा जा रहा है किसी को निकालने के लिए नहीं है अपितु उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने से सम्बंधित है जो मजहबी उत्पीडऩ के कारण पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान से पलायन करके भारत। 31 दिसंबर 2014 से पहले हुआ होना जरूरी है।यानी नियम /प्रावधान बिलकुल साफ हैं। लेकिन इसके बावजूद अगर इस मसले पर हंगामा हो रहा है तो कहीं न कहीं अनभिज्ञता को हथियार बनाकर सियासी रोटी ही सेंकी जा रही है। 


खैर अब भारत की नागरिकता को लेकर तो मुद्दा गरमाया हुआ है, पर आपके मन में यह प्रश्न भी जरूर कौंध रहा होगा कि क्या भारत के अलावा भी किसी दूसरे देश में ऐसे नियम हैं? या फिर नागरिकता को लेकर अन्य देशों में क्या प्रावधान है? आपको बता दें कि कमोबेश हर देश में ऐसे प्रावधान हैं कि सरकारें /शासन विदेशियों को नागरिकता देने या नहीं देने का फैसला करता है।  नागरिकता को लेकर पूरी दुनिया में एक सर्वमान्य सिद्धांत/नियम यह भी कि बच्चा जिस देश में जन्म लेगा प्राकृतिक रूप से वह उसका नागरिक होगा. हां अगर उसके मां बाप चाहें तो उसे उस देश की नागरिकता दिलवा सकते हैं जहां के वे खुद मूल नागरिक हैं।  हालांकि अब अमरीका का ट्रम्प प्रशासन इस नियम को बदलने पर विचार कर रहा है और वहां ऐसे प्रावधान किये जाने विचाराधीन है कि ज़मीन तो दूर अमेरिकी एयर स्पेस में भी कोई विदेशी बच्चा जनता है तो उस बच्चे को अमरीकी नागरिकता नहीं दी जाएगी।  कुछ प्रमुख राष्ट्रों में नागरिकता कानून का कायदा इस प्रकार है। 


नागरिकता पर अमरीका
फिलहाल अगर कोई व्यक्ति अमेरिका या उसके अधिकार वाले किसी क्षेत्र में जन्म लेता है, तो उसे जन्म से ही अमेरिकी नागरिकता मिलती है। अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता उसके जन्म के समय अमेरिकी नागरिक हों तो भी उस व्यक्ति को अमेरिकी नागरिकता मिल सकती है। इसके अतिरिक्त अमेरीका में नेचुरलाइजेशन टेस्ट के जरिये भी नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। इसके लिए  आवेदक को अंग्रेजी और नागरिक शास्त्र में पारंगत होना जरूरी है। अमेरिका में दोहरी नागरिकता का भी प्रावधान हैै


रूसी नागरिकता नियम
वर्तमान में रूस में रूसी नागरिकता अधिनियम 2002 लागू है। इसके तहत अगर जन्म के समय बच्चे के माता-पिता रूसी नागरिक हों, या उनमे से एक रूसी और दूसरा विदेशी है और बच्चा रूस में पैदा हुआ है तो बच्चा रूसी नागरिकता का पात्र है। बच्चा अगर विदेश में भी पैदा हुआ है और उसने वहां की नागरिकता नहीं ली है तथा उसके माता-पिता में से एक रूसी है तो भी उसे रूसी नागरिकता मिलेगी। यही नहीं अगर विदेशी जोड़ा रूस में बच्चा पैदा करता है और बच्चे को किसी दूसरे देश की नागरिकता नहीं मिली है तो भी उसे भी रूसी नागरिकता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त यदि कोई विदेशी वैध ठहराव परमिट पर पांच साल तक रूस में रहा है तो वह रूसी नागरिकता ले सकता है। लेकिन उसे अपने देश की नागरिकता छोडऩी होगी। यदि उसके मूल देश का रूस के साथ दोहरी नागरिकता का समझौता है तो यह समस्या भी खत्म।


जर्मनी में यह हैं नागरिकता नियम
जर्मनी की नागरिकता तीन आधारों पर दी जाती है। पहला यदि आप जर्मनी में पैदा हुए हैं या फिर आपके माता पिता में से कोई एक या दोनों ही जर्मन है। दूसरा यदि आप किसी कार्य के लिए जर्मनी में हैं और आठ साल से वहां रह रहे हैं तो भी आपको जर्मन नागरिकता दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त आप नागरिकता परीक्षा भी दे सकते हैं। इसमें आपका जर्मन भाषा का ज्ञान तय स्तर का होना चाहिए। जर्मनी ने कई देशों के साथ दोहरी नागरिकता के लिए संधि की है।


पाकिस्तान की नागरिकता नियमावली
ताजा विवाद में आप सब जानना चाहते होंगे कि पाकिस्तान की नागरिकता कैसे मिलतीहै। दरअसल वहां मुख्य रूप जन्म के आधार पर ,वंश के आधार पर और प्रवास के आधार पर नागरिकता दी जाती है। भारत की तरह पाकिस्तान में भी नागरिकता अधिनियम /कानून लागू है (अधिकांश देशों में है ) पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम, 1951 के अनुसार 1951 से पहले पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्ति या उसके वंशजों को पाकिस्तानी नागरिकता मिलेगी। यदि किसी का जन्म पाकिस्तान के बाहर हुआ है पर उसके माता-पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं तो उसे भी पाकिस्तान की नागरिकता मिल सकेगी। अगर किसी की मां पाकिस्तानी नागरिक है और वो 18 अप्रैल 2000 के बाद पैदा हुआ है तो वह कानूनन पाकिस्तानी नागरिकता हकदार है। यही नहीं पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम, 1951 के लागू होने से पहले जो लोग भारत-पाकिस्तान उपमहाद्वीप के अन्य क्षेत्रों से पाकिस्तान चले गए थे उन्हें भी पाकिस्तानी नागरिक माना जाता है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ