क्यों बैठना पड़ा विधायक को थाने मे पुलिस के खिलाफ धरने पर

क्यों बैठना पड़ा विधायक को थाने मे पुलिस के खिलाफ धरने पर


अपनी ही पार्टी की सरकार की पुलिस निर्दाष नागरिकों के उत्पीड़न का आरोप लगाते उन्नाव सदर के विधायक पंकज गुप्ता रात दो बजे धरने पर बैठ गए। विधायक का आरोप है कि उन्नाव पुलिस विपक्षी दलों की मानसिकता से काम कर रही है और शहर के संभ््रांत नागरिकों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है। विधायक पंकज गुप्ता और उनके समर्थक कोतवाली गेट पर ही धरने पर बैठे रहे और पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।


हालांकि आधी रात बाद धरने पर बैठे सदर विधायक का दर्द पुलिस और प्रशासन की चिंता का सबब नही बना। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक खुद अपनी सुनवाई न होने का आरोप लगाकर घंटों नारे लगाते रहे लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने अपने कानों को भनक भी नही लगने दीं


सुबह पौ फटने के बाद जब सत्तारूढ़ दल के विधायक की उपेक्षा और उनके धरने पर बैठा होने की खबर सारे चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज बन गई तो


 


क्यों बैठना पड़ा विधायक को धरने पर-


 


मामला सदर कोतवाली के मोहल्ला हिरन नगर का था। यहां एक मंदिर निर्माण को पुलिस अवैध बताकर एक ही परिवार के 8 परिवार के वृद्ध लोगों को थाने में उठा लाई। सदर विधायक पंकज गुप्ता ने सीओ कोतवाली को फोन कर बुजुर्गों पर कोई कार्यवाही न करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने को कहा।


विधायक का आरोप है कि उनके कहने के बावजूद पुलिस ने कोतवाली में बुजुर्गो से अमानवीय व्यवहार किया और उनको पीटा। इसकी जानकारी लगते ही विधायक पंकज गुप्ता रात 1 बजे कोतवाली जा पहुंचे।


विधायक का आरोप है कि जनप्रतिनिधि के सामने खड़ा होने के बावजूद उन्नाव पुलिस का व्यवहार सही नही था। इसके विरोध में विधायक पंकज गुप्ता अपने समर्थकों के साथ कोतवाली गेट पर धरने पर बैठ गए।


पंकज गुप्ता सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं इसके बावजूद उन्नाव के एसपी रोहन पी कनाय ने मौके पर जाने की जरूरत नही समझी। विधायक देर सुबह तक कोतवाली गेट पर बैठे रहे। उधर उनके समर्थकों की भीड़ इकठ्ठा होना शुरू हो गयी और तीखी नारेबाजी का दौर शुरू होगया। इसको देखते हुए कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। विधायक को मनाने के लिए सीओ सिटी और एसपी नॉर्थ वीके पांडेय मौके पर पहुंचे लेकिन बात नही बनी।


सुबह तकरीबन 6ः30 बजे जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और एसपी मौके ने मौके पर पहुंच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया तब जाकर विधायक ने धरना खत्म किया।


 



  •     यह पहला मामला नही है जब सदर विधायक पंकज गुप्ता को अपनी ही पार्टी की सरकार में इस कदर बेरूखी का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले 21 जुलाई को कोरोना महामारी से लड़ने वाली स्वास्थ्यकर्मियों की टीम में शामिल उन्नाव सदर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना से संक्रमित हो गयी। उन्नाव के डॉक्टरों ने महिला को कानपुर रिफर कर दिया जहां सरकारी अस्पतालों में बेड न होने की बात कह कर उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। थक-हार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पुत्र ने विधायक पंकज गुप्ता को फोन कर मदद करने की गुहार लगाई। उन्होंने कानपुर के प्रभारी सीएमओ को फ़ोन कर बेड उपलब्ध कराए जाने को कहा लेकिन उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इससे कोरोना योद्धा ने दम तोड़ दिया। 

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अपनी ही सरकार में इस कदर अपमानजनक उपेक्षा का शिकार हुए गुप्ता ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से लिखते हुए अपना दर्द बयान किया।


विधायक की यह फेसबुक पोस्ट सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय बन गई।


फिलहाल विधायक ने धरना तो खत्म कर दिया है लेकिन दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।


राहुल देव वर्मा की रिपोर्ट 


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