गोरखपुर के राणा हॉस्पिटल में कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। शुक्रवार को 10 वालंटियर को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। इस दौरान शोध की हेड डॉ. सोना घोष और राणा हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर की प्रभारी डॉ. निधि मौजूद रहीं। राणा हॉस्पिटल को अब तक सिर्फ 18 वालंटियर मिले हैं। उन्हें 50 वालंटियर की दरकार है।
बताते हैं कि शासन की तरफ से ट्रायल शुरू करने के लिए दबाव आ रहा था। पहले फेज के प्रथम चरण का ट्रायल 31 जुलाई तक पूरा करना था। अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त संख्या में वालंटियर नहीं थे। सिर्फ 10 वालंटियर की शारीरिक जांच की प्रक्रिया पूरी हुई थी। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में सभी 10 वालंटियर को वैक्सीन लगाई। उन्हें कुछ देर तक हॉस्पिटल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। इसकी तस्दीक हॉस्पिटल के मैनेजर वेंकटेश ने की है। उन्होंने बताया अब तक सिर्फ 18 वालंटियर हैं। उनमें से 10 को शुक्रवार को वैक्सीन ट्रायल के लिए पहली डोज लगाई गई है।
दो की तबीयत हुई खराब
बताया जाता है कि ट्रायल के दौरान दो युवकों की तबीयत खराब हुई। उन्हें बुखार के साथ उल्टी, मिचली होने लगी। एक ने चक्कर आने की शिकायत की। इसके बाद उन्हें चार घंटे तक अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। देर शाम को सभी को घर भेज दिया गया। इसकी तस्दीक मैनेजर ने की। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों पर वैक्सीन का मामूली असर दिखा। कुछ ही देर में वे ठीक हो गए।
भारत बायोटेक ने ट्रायल पर 15 दिन की लगाई रोक
शुक्रवार की शाम को भारत बायोटेक ने ट्रायल पर 15 दिन की रोक भी लगा दी। यह जानकारी मैनेजर ने दी। उन्होंने बताया कि राणा हॉस्पिटल को 34 लोगों पर ट्रायल करने की मंजूरी मिली है। देर शाम को भारत बायोटेक ने ईमेल के जरिए और लोगों पर ट्रायल करने से रोक लगा दी।
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