-प्रवर्तन निदेशायलय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय से बड़ी कार्रवाई
-एफआइआर में विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे और भाई का भी नाम
-विकास दुबे के खजांची गैंगस्टर जय बाजपेयी के खिलाफ भी रिपोर्ट
कानपुर :सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोप में पुलिस के हाथों एनकाउंटर में मारे जा चुके गैंगस्टर विकास दुबे के 36 करीबी लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन कार्यालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए मनी लॉड्रिंग का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे, भाई दीप प्रकाश दुबे और खजांची जय बाजपेयी का नाम शामिल है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही ईडी की जांच में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। विकास दुबे, उसके खजांची जय बाजपेयी की लगातार ईडी समेत तमाम जांच एजेंसियों से शिकायत कर रहे आरटीआई एक्टीविस्ट और अधिवक्ता सौरभ भदौरिया को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ने शपथ पत्र के साथ लखनऊ स्थित कार्यालय में तलब किया। सौरभ का कहना है कि तमाम जानकारियां उन्होंने ईडी को दी हैं साथ ही अपनी सुरक्षा के लिए गुहार भी लगाई है। सौरभ का आरोप है कि हर बड़े अफसर से गुहार लगाने के बाद भी उनको अभी तक शासन और प्रशासन की तरफ से सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है।
2/3 जुलाई 2020 की रात कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध गोलियों की बौंछार की थी। हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। 6 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत 6 आरोपितों को मुठभेड़ के बाद अलग-अलग जगहों पर मार गिराया था।
जबकि करीब 36 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ईडी के मुकदमे में विकास दुबे गैंग के इन्हीं 36 लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने कांड में 21 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जबकि विवेचना के दौरान कई लोगों के नाम प्रकाश में आए तो पुलिस ने उनके नामों को जोड़ने के बाद सभी की गिरफ्तारी की। नामजद आरोपितों में विकास दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा और प्रवीण शुक्ल उर्फ बउवन (सभी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं) के नाम भी शामिल हैं।
ईडी ने पुलिस की एफआईआर में नामजद और विवेचना में सामने आए आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इसमें जयकांत बाजपेयी, विकास दुबे के भाई व उनकी पत्नी का भी नाम है। इसके अलावा श्यामू बाजपेयी, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, शाशिकांत पंडित उर्फ सोनू, रामू बाजपेयी, दयाशंकर अग्निहोत्री, गोपाल सैनी, उमाकांत उर्फ गुड्डन, बाल गोविंद, शिवम दुबे, धर्मेंद्र उर्फ हीरू दुबे, जहान यादव, विष्णु पाल यादव, शिव तिवारी, विमल प्रकाश आदि को भी आरोपी बनाया गया है।
पुलिस की विवेचना में सामने आए आरोपियों संजय दुबे उर्फ संजू दुबे, क्षमा पत्नी संजय उर्फ संजू दुबे, खुशी पत्नी स्व. अमर दुबे, रेखा अग्निहोत्री पत्नी दयाशंकर, गुड्डन उर्फ अरविंद त्रिवेदी, धीरज उर्फ धीरू, सुरेश वर्मा, शांति देवी पत्नी रमेश चंद्र, रमेश चंद्र, मनीष उर्फ वीर, शिवम उर्फ दलाल, नन्हें यादव, बबलू, राजेंद्र मिश्रा, सुशील कुमार तिवारी उर्फ सोनू, प्रशांत शुक्ला, कृष्ण कुमार शर्मा, राहुल पाल तथा विनय तिवारी को भी पीएमएलए में नामजद किया गया है। ईडी की टीम अब इन आरोपियों की संम्पत्तियों की जांच करेगी।
ईडी के रडार पर शहर के कई बड़े कारोबारी
कानपुर। प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर कानपुर के करीब आधा दर्जन उद्योगपति आ गए हैं। इसमें एक डिटर्जेंट कारोबारी, चिकित्सक, पेट्रोल पंप मालिक और कई राजनेता भी शामिल हैं। बड़े सूत्रों की मानें तो ईडी की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में इन सभी का कहीं न कहीं जिक्र है। चर्चा है कि डिटर्जेंट कारोबारी विकास दुबे के फोन पर अपनी फैक्ट्री में लोगों को नौकरी तक देता था। इतना ही नहीं कमाई का एक बड़ा भाग विकास दुबे को जाता था। चिकित्सक के बारे में बताया जा रहा है कि उसके नर्सिंगहोम में पूरी दौलत विकास दुबे ने ही लगाई थी। महीने में मोटी रकम विकास को पहुंचती थी। चर्चा है कि देर-सबेर ईडी इन सभी को रडार पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
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