उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी को लेेकर फरवरी में करवाए जा सकते हैं। सरकार के स्तर पर फरवरी और मई की कुछ तारीखों पर मंथन किया जा रहा है। इसमें ज्यादातर लोगों का सुझाव है कि मई में गर्मी ज्यादा पड़ेगी। इस वजह से चुनाव फरवरी में बोर्ड परीक्षा से पहले करवा लिए जाएं। पहले चुनाव दिसंबर में होने थे। वहीं इस बार खुलकर राजनीतिक दल भी हिस्सा ले सकेंगे। इससे चुनाव दिलचस्प होने के आसार हैं।अब राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार वोटर पुनरीक्षण का काम शुरू हो गया है, जिसे 29 दिसंबर तक फाइनल करने की तैयारी है। इसके बाद पंचायतों के आरक्षण का काम होगा। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पंचायतों में बैठाए जाएंगे प्रशासक
दरअसल मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही टीम-11 की मीटिंग में कोविड संकट की वजह से पंचायत चुनाव टालने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पंचायती राज विभाग ने चुनाव के लिए नई तारीखों पर मंथन शुरू कर दिया था। इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने एक अक्टूबर से वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण शुरू कर दिया।आयोग ने जो कार्यक्रम जारी किया है, उसके हिसाब से 29 दिसंबर तक फाइनल वोटर लिस्ट तैयार होगी। इसके बाद पंचायती राज विभाग पंचायतों का परिसीमन, वार्ड के आरक्षण का काम करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाएगा। जब तक चुनावी प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक पंचायतों में प्रशासक बैठाए जाएंगे।
ऑनलाइन बन सकेंगे वोटर
आयोग ने पहली बार ऑनलाइन वोटर बनाने का भी विकल्प दिया है। इसके लिए आयोग की वेबसाइट http://sec.up.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। इन सूची को जिलों में बीएसओ सत्यापित करेंगे और सूचनाएं सही पाए जाने पर वोटर लिस्ट में नाम जुड़ जाएगा।पंचायत चुनाव के लिए करीब 80 हजार मतदान स्थलों के 2 लाख मतदान केंद्रों पर 1 लाख बीएलओ की ड्यूटी लगाई जाएगी। आयोग ने पहली बार बीएलओ के लिए ई-बीएलओ ऐप विकसित किया है, जिसके जरिए वे सभी सूचनाएं फीड कर सकेंगे।
राजनीतिक दल भी लेंगे हिस्सा
अभी तक राजनीतिक दल पंचायत चुनाव में पर्दे के पीछे से ही समर्थन करते थे, लेकिन इस बार दल खुलकर हिस्सा लेने की योजना बना रहे हैं। इस वजह से चुनाव दिलचस्प होने की उम्मीद है। बीजेपी ने तो बाकायदा हर जिले में अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत स्तर पर भी बैठकें शुरू कर दी गई हैं।
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