हिन्दी और उर्दू को साथ मिलाकर आगे बढ़ाने की जरूरत : मसऊद हसन

 हिन्दी और उर्दू को साथ मिलाकर आगे बढ़ाने की जरूरत : मसऊद हसन


हिन्दी और उर्दू को साथ मिलाकर आगे बढ़ाने की जरूरत : मसऊद हसन 


अल्लामा इक़बाल की यौम-ए-पैदाइश पर मनाया गया उर्दू दिवस


शाहजहाँपुर। आवाज़ ट्रस्ट ऑफ इन्डिया व उर्दू राबत कमेटी की ओर से अल्लामा इकबाल की यौम-ए-पैदाईश के मौके पर उर्दू दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें उर्दू भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पांच लोगों को सम्मानित किया गया। साथ ही एक अल्लामा इकबाल की याद में शेरी नशिस्ट का भी आयोजन हुआ।


       महानगर के मोहल्ला बिजलीपुरा स्थित मदरसा नूरूल हुदा में आयोजित जश्ने उर्दू में खिताब करते हुए मुख्य अतिथि शहर काजी सैय्यद मसऊद हसन ने कहा कि उर्दू भाषा में अदब और तहजीब दिखाई देती है। हिन्दी और उर्दू को साथ मिलाकर आगे बढ़ाने की जरूरत है। देश की तरक्की व कामयाबी के लिए बच्चों को अच्छी तालीम दिलाना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों में देश भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। अंग्रजी और हिन्दी के अलावा उर्दू की तालीम दिलवाकर डा0 इकबाल को सच्ची खिराज पेश करें। अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व प्रोफेसर सै0 आफताव अख्तर ने कहा कि वक्त की मांग है कि हम आपस में इत्तेहाद पैदा करें। उन्होंने कहा कि इल्म ही वह जरिया है जिससे तरक्की का हर रास्ता आसान हो जाता है। मदरसे के प्रधानाचार्य इकबाल हुसैन उर्फ फूल मियां ने सभी का शुक्रिया अदा किया। 


जश्न उर्दू में उर्दू की खिदमत के लिए शायर व अदीव सरदार आसिफ़ खॉ, मौलाना मुशाहिद मदनी, सै0 कासिम रज़ा, सै0 मुफीजउद्दीन कादरी, काज़ी मो0 आमिर को मुख्य अतिथि ने शाल ओढ़ाकर व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। 


संचालन राशिद हुसैन राही ने किया इस मौके पर अख्तर शाहजहाँपुरी, आफताव कामिल, रौनक मुसव्विर, असगर यासर, सरदार आसिफ़ ने कलाम पेशकर खिराज अकीदत पेश की।


कार्यक्रम में मौलाना जुवैर, हाफिज़ अनीस अत्तारी, सरताज अहमद, बिलाल खॉ, शारिक अली खॉ, सै0 शारिक अली, हैदर अली, ममनून खा, मोबीन खॉ, मोईन खॉ, इज़हार हसन, साजिद अली खॉ, मुख्तार अहमद, अब्दुल कादिर खॉ, निफासद अली खॉ, नाहिद बेगम, रूखेजे़बा, सुबुही खानम, तमहीद बेगम, सबिहा सुल्ताना आदि मौजूद रहे।


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