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कोरोना संकट के बीच गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का उद्देश्य: डॉ० प्रज्ञा बाजपेई




शुकुल बाजार । अमेठी । कोरोना संकट के बीच गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरूआत फिर से कर दी गई। इस अभियान के बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई।

स्थानीय सीएचसी पर गर्भवती महिलाओं की जांच के दौरान डा प्रज्ञा बाजपेई ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। कोरोना संकट के चलते यह अभियान स्थगित रखा गया था लेकिन अब इसे दोबारा शुरू करने के निर्देश प्राप्त हुए है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है। अत्यधिक रक्त स्त्राव से महिला की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है एवं इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लागने में सफलता मिल रही है । बुधवार और जांच के दौरान 130 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई जिसमें 30 हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं को की जांच कर उचित सलाह दी गई है ।

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