महंत की गद्दी को लेकर पनकी मंदिर में धक्का-मुक्की और मारपीट, नहीं थम रहा है पनकी मंदिर के महंत का विवाद

महंत की गद्दी को लेकर पनकी मंदिर में धक्का-मुक्की और मारपीट, नहीं थम रहा है पनकी मंदिर के महंत का विवाद


 महंत की गद्दी को लेकर पनकी मंदिर में धक्का-मुक्की और मारपीट

नहीं थम रहा है कानपुर के पनकी मंदिर के महंत का विवाद

श्रद्धालुओं के सामने ही सगे भाई जितेंद्र दास और धर्मदास भिड़े

जितेंद्र दास ने जनार्दन दास को धक्के मारकर मंदिर से बाहर निकाला

दो महंतों के बीच धक्का-मुक्की का विवाद सीसीटीवी में क़ैद

ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):कानपुर के प्रसिद्ध पनकी पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत की गद्दी को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को एक बार फिर मंदिर परिसर "अखाड़ा" बनते-बनते रह गया। मंदिर के महंत जितेंद्र दास ने अपने सगे बड़े भाई और मंदिर के महंत गद्दी का दावा करने वाले जनार्दन दास को श्रद्धालुओं के सामने ही पीट दिया। इतना ही नहीं उन्हेंं धक्के मारते हुए गर्भ गृह से बाहर कर दिया। 

ब्रह्मलीन महंत भोलेश्वर दास के निधन के बाद से महंत की गद्दी पर काबिज़ होने के लिए तीन महंतों कृष्णदास, जनार्दनदास और जितेंद्र दास के बीच रस्साकसी चल रही है। तीनों महंतों की तरफ से अपने-अपने दावे हैं। जितेंद्र और जनार्दन सगे भाई हैं। 

पनकी मंदिर के ब्रह्मलीन महंत भोलेश्वर दास के चेले जनार्दन दास शनिवार दोपहर मंदिर के गर्भ गृह में खड़े होकर श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हुए थे। तभी वहां पहुंचे जनार्दन दास के सगे छोटे भाई महंत जितेन्द्र दास ने उन्हेंं दबोच लिया। जनार्दन का आरोप है कि जितेंद्र दास ने श्रद्धालुओं के सामने ही उनकी पिटाई कर दी। पीटने के बाद जितेंद्र दास ने जनार्दन दास को धक्का मारते हुए गर्भ गृह से बाहर निकाल दिया। पूरी घटना गर्भ गृह में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।

 जनार्दन दास ने बताया कि उनके गुरु ब्रह्मलीन भोलेश्वर दास ने उन्हेंं अपना चेला स्वीकार किया था। इसलिए महंत की गद्दी पर बैठने का अधिकार उनका है। जबकि जितेन्द्र दास ने जबरन महंत की गद्दी पर कब्जा कर रखा है, जिसका विरोध करने पर वह अक्सर उन्हेंं धमकी भी देते हैं। वही महंत जितेन्द्र दास ने बताया कि गर्भ गृह में महंत और पुजारी ही प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा कोई बाहरी व्यक्ति गर्भ गृह में प्रवेश नहीं कर सकता। इसी के चलते जनार्दन दास को गर्भ गृह से बाहर निकाला है। वहीं मंदिर की गद्दी के तीसरे दावेदार कृष्णदास का कहना है कि घटना के समय वह मंदिर परिसर में नहीं थे। उन्होंने कहा कि ब्रम्हलीन गुरु ने वसीयत कर उनको उत्तराधिकारी बनाया था। 

पनकी मंदिर परिसर में हुए इस घटनाक्रम पर थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि गर्भ गृह के अंदर महंत के बिना किसी दूसरे की उपस्थिति उचित नहीं है। जनार्दन दास और जितेंद्र दास के बीच महंत पद के लिए मामला विचाराधीन है। घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। तहरीर मिलने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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