हाईकोर्ट के आरक्षण को लेकर दिए फैसले के बाद पंचायत चुनाव लड़ने वाले लोगों में नई ऊर्जा आ गई है, वहीं आरक्षण का काट निकालने के लिए लोगों ने जुगत भिड़ाना शुरू कर दिया है। विकासखंड गैसड़ी अंतर्गत 115 ग्राम पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण तय होना है।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार आरक्षण की मार से जहां संभावित उम्मीदवार बेहाल नजर आ रहे हैं। वहीं प्रधानी पर काबिज रहे लोगों ने आरक्षण की काट निकालने के लिए जुगत भिड़ाना शुरू कर दिया है। कई गांव में प्रधान पद पर एक ही परिवार के लोग लंबे समय से काबिज हैं। इस बाद आरक्षण की मार उन पर पड़ सकती है।अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण तय होना है। बहुत सारी सीटें ऐसी होंगी जो सामान्य से आरक्षित जबकि आरक्षित से सामान्य हो जाएंगी। आरक्षण में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। गैसड़ी विकासखंड में 115 ग्राम पंचायतों में करीब दो दर्जन ग्राम प्रधान ऐसे हैं जो किसी दूसरे के ही मातहत अपना कार्यकाल गुजार चुके हैं। उन्हें यह भी पता नहीं है कि पांच साल में कौन-कौन सा काम हुआ।
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