धौरहरा खीरी:प्रधानमंत्री की महत्त्वपूर्ण योजना स्वच्छ भारत मिशन भले पूरे देश में परिवर्तन ला दी हो लेकिन खीरी जिले के विकास खंड धौरहरा कुछ गांवों में प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गया।इस ड्रीम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सरकार ने प्रधान के साथ सरकारी महकमे के जिम्मेदार ग्राम पंचायत अधिकारियों को सौंपी थी कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को वास्तविक रूप से धरातल पर उतारा जाएगा लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी की उदासीनता और निजी स्वार्थ वश स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनवाए गए शौचालयों की स्थिति बेहद दयनीय है। आपको बताते चलें खीरी जिले की विकास खंड धौरहरा में ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश वर्मा के पास विकास खंड की बड़ी बड़ी नौ पंचायतों में विकास कार्य कराने का जिम्मा था। मीडिया में 9 पंचायतों का जिक्र हुआ तो आनन फानन कार्य काल समाप्त होने के एक या दो महीने पहले एक या दो पंचायतें अपने पास से कम करवा लिया। साथ ही में विकास खंड का बेहद महत्वपूर्ण पद ए डी ओ पंचायत का भी संभाल रखें हैं। इनकी पंचायतों में सरकार ने तो पानी की तरह पैसा बहाया है लेकिन सचिव और प्रधान ने गांव के विकास की बजाय अपने विकास पर विशेष ध्यान दिया। इनकी सभी ग्राम पंचायतों में से केवल एक ही ग्राम पंचायत का जिम्मेदार अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर लें तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।
ग्राम पंचायत वाली के 12 गांवों में से केवल 2 गांवों के शौचालय और आवासों की ही तस्वीरों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सफेदपोश नेताओं और उच्च अधिकारियों के मिले संरक्षण से इन महोदय के हौंसले कितने बुलंद हैं। आपको बताते चलें कि विकास खंड धौरहरा की ग्राम पंचायत वाली में प्रधानमंत्री की स्वचछ भारत मिशन योजना के तहत बनाए गए शौचालयों की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां तक केवल 12 गांवों में से 2 गांव में लगभग 5 0% शौचालय दो साल में ही जर्जर हो गये हैं। और गांव के अंदर अपूर्ण शौचालयों की भी संख्या काफी ज्यादा है। कुछ लाभार्थियों ने डर कर नाम न बताने की शर्त पर बताया कि प्रधान और सचिव ने ठेकेदारों को यह जिम्मा सौंप दिया था जो घटिया सामग्री का प्रयोग करके प्रधानमंत्री की इस योजना को पलीता लगाने का काम किया है।इस बाबत खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया सभी गांव ओ डी एफ घोषित कर दिए गए हैं। यदि गांव में शौचालय अधूरे पड़े हैं तो तत्काल मौके पर जाकर शौचालयों का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। यदि शौचालयों में किसी भी प्रकार की अनियमितताएं पाई जाएगी तो दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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