उत्तराखंड त्रासदी में लापता हुए श्रमिक के परिजनों के लिए प्रसपा के प्रदेश महासचिव ने मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा

उत्तराखंड त्रासदी में लापता हुए श्रमिक के परिजनों के लिए प्रसपा के प्रदेश महासचिव ने मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा



लखीमपुर-खीरी:उत्तराखंड त्रासदी में लापता हुए 34 श्रमिक के परिजनों के लिए लिए प्रसपा के प्रदेश महासचिव ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को मांगों को एक ज्ञापन भेजा है। 

  उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भेजे गये ज्ञापन में प्रसपा प्रदेश महासचिव राजीव गुप्ता ने कहा कि सभी लापता श्रमिक के आश्रित परिजन को राज्य सरकार की ओर से तहसील निघासन की सरयू सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड, बेलराया में या अन्य प्रतिष्ठान में चतुर्थ श्रेणी में रोजगार के रूप में नौकरी दी जाय। वहीं तहसील निघासन के सभी 34 श्रमिक परिवार को 50-50 लाख रुपए देने की सरकार घोषणा करे, जो जनहित में जरूरी है, तीन श्रमिक जिनके शव मिल चुके हैं, उन्हें भी दो लाख की जगह 50-50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाए। प्रसपा महासचिव ने अगली मांग की कि सभी श्रमिक के परिजन टीनसेंड या फूस के घर में रहते है, इसलिए एक-एक आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राज्य सरकार की ओर से दिया जाये। वहीं तहसील निघासन के सभी 34 श्रमिक के आश्रित को पेंशन की घोषणा अत्यंत आवश्यक है। भेजे गये ज्ञापन में प्रसपा प्रदेश महासचिव राजीव गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को बताया कि ये सभी श्रमिक लाँकडाउन में परेशान हो कर वापस आए थे, ये सभी श्रमिक कैजवल पर बेलराया की सरयू सहकारी चीनी मिल में रोजगार के लिए गए, लेकिन सम्बंधित अधिकारी ने उन्हें रोजगाए नहीं दिया। उन्हांेने आगे कहा कि हद तो जब हुई जब कुछ लोगों को बताया गया कि चीनी मिल में श्रमिक को मात्र 128 रुपये ही मिलता है इस लिए इन सभी श्रमिकों ने पलायन करते हुए रोजगार की तलाश में उत्तरांचल चले गए जहां जल प्रलय आने के कारण सभी लोग त्रासदी में लापता हो गए। 

अंतिम सूची जारी करने की मांग

प्रसपा प्रदेश महासचिव ने अपने पत्र में यह भी बताया कि समाचार पत्रों ने 34 श्रमिक की सूची जारी की थी, जिस में तीन की डेडबोड़ी मिल चुकी है, तीसरा शव अवधेश पुत्र लालता इच्छानगर का मिला है, जबकि अवधेश का नाम लापता श्रमिक की लिस्ट में नहीं है। मुख्य सचिव से उन्होंने अंतिम सूची जारी करने की मांग करते हुए परिपत्र में कहा है कि राज्य सरकार का सैधांतिक दायित्व है कि स्थानीय स्तर पर बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिलाए, अगर इन सभी को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल जाता तो लापता/मृत घोषित किए गए श्रमिक आज जिंदा होते।

मनरेगा से भी कम मिल रही श्रमिकों को मजदूरी

राजीव गुप्ता ने बेलराया चीनी मिल में दिए जा रहे श्रमिक को 128 रुपये को श्रम कानून के खिलाफ बताया है और कहा कि मनरेगा से काफी कम है, इस तरह के जनविरोधी आदेशों को तत्काल खारिज करते हुए उच्च स्तरीय जांच किसी दूसरे विभाग से चीनी मिल में हो रहे घोटाले की कराने का आदेश सम्बंधित को देना जनहित में जरूरी है।

श्रमिकों की भी हो बायोमैट्रिक एटेंडेंस

प्रसपा प्रदेश महासचिव राजीव गुप्ता ने यह भी कहा कि लापता श्रमिक के परिजनों का आरोप है कि कैजूवल श्रमिक एक नट बोल्ट खोलने के लिए पांच श्रमिक दर्शाए जाते है, इसलिए अगर बायोमेट्रिक उपस्थित दर्ज न होती हो तो बायोमेट्रिक उपस्थिति करवाने का आदेश भी होना चाहिए।

क्षेत्र में दिया जाये रोजगार 

राजीव गुप्ता ने तहसील निघासन में रोजगार के लिए भटक रहे नौजवान के पलायन को रोकने के लिए बेरोजगार की सूची बनवा कर उन सभी को रोजगार दिलाने की वकालत भी मुख्यसचिव से की है।

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