बिसवां/सीतापुर। बुधवार से रमज़ान उल मुबारक का पवित्र महीना शुरू हो गया है। रहमतों व बरकतों से भरपूर इस महीने में जहां बड़ों ने रोजा रखकर शाम को इफ्तारी की। वहीं इस भीषण गर्मी में नन्हे मुन्ने बच्चे भी पीछे नहीं रहे। नन्हे मुन्ने बच्चे भी तेज धूप व भीषण गर्मी में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे। रमज़ान माह का पहला रोजा बड़ों के साथ बच्चों ने भी रखा। इनकी जिंदगी का यह पहला रोजा है। तपती धूप व कड़ी गर्मी की परवाह किए बिना इन मासूम बच्चों ने रोजा रखा। अल्लाह और उसके रसूल की रजा व खुशनौदी हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त की। रोजा रखने में बच्चों में गजब का उत्साह देखा गया।बच्चों ने रोजा रखकर कोरोना के खात्मे की दुआएं मांगी।भीषण गर्मी ने पहले दिन ही रोजेदारों का इम्तेहान लिया। लेकिन जिन नन्हे मुन्ने बच्चों ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा था उनके हौसले को भीषण गर्मी डिगा न सकी।परिवार के बड़े लोगो ने इन बच्चों की हौसला अफजाई भी की। शाम को इफ्तार के समय बच्चों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। बच्चों ने रोजा खोलकर कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी। बच्चों ने बताया कि हमें कई महीनों से रमजान के मुबारक महीने का इंतेज़ार था। मोहल्ला मियां गंज के एहसान हुसैन कादरी उम्र 5 वर्ष,सुल्तान रजा उम्र 7 वर्ष, सना फातिमा उम्र 13 वर्ष, मुशर्रफ़ फातिमा उम्र 10 वर्ष,शहजाद हुसैन उम्र 10 वर्ष ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखकर दिनभर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे।
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