टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी से खत्म होगी टीबी की बीमारी : डॉ. एस.के झा

टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी से खत्म होगी टीबी की बीमारी : डॉ. एस.के झा

 टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी से खत्म होगी टीबी की बीमारी : डॉ. एस.के झा

• थेरेपी के तहत रोगी के परिवार वालों को खिलाई जाएगी दवा

• अभी तक पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को दी जाती थी दवा



कौशाम्बी 25 जुलाई 2022: देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं , जिसके तहत टीबी रोग का प्रसार को रोकने के लिए ही टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम चलाए जा रहा है | जिसे अभी पांच वर्ष तक के बच्चो को ही दिया जाता था लेकिन अब ये थेरेपी टी.बी ग्रसित रोगी के परिवार के लोगों को भी दी जाएगी | यह कहना है डॉ. एस.के झा |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं के जरिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों में और भी तेजी लाने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि क्षय रोग को समाप्त करने में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सामाजिक संगठन , आम जन, प्राइवेट चिकित्सषकों तथा अन्य लोगों को समन्वित रुप से आगे आना होगा। ताकि क्षय रोगियों के इलाज के साथ ही उनके पोषण में भी सहयोग हो सके, तभी इस रोग को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

जिला कार्यक्रम समन्वयक अभिषेक तिवारी ने बताया कि टीपीटी(टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) पर क्षय रोग उन्मूसलन अभियान के तहत टीपीटी कार्यक्रम चलाया जाता है। इसके तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्योंह के आयु वय के हिसाब से दी जाती हैं। इसे बड़े लोगों के लिए जल्द शुरू किया जायेगा | 

टीपीटी कार्यक्रम की जानकारी:

डॉ एस.के झा ने टीपीटी माडल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सेकों को दवाओं की डोज के साथ ही बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया | उन्होंने बताया कि इससे पहले 5 वर्ष से कम आयु तक के सक्रिय टीबी मरीज के संपर्क में आने वाले मरीजों को उक्त थेरेपी दी जाती थी लेकिन अब टीबी मरीज के प्रत्येक संपर्क वाले व्यक्ति को स्क्रीनिंग उपरांत टीपीटी दी जाएगी।

क्षय रोगी 15 व्ययक्तियों तक करता है रोग प्रसार:

डी.पी.पी.एम.सी अजीत मौर्या बताते हैं कि यदि किसी आदमी को फेफड़े की टीबी है तो वह कम से कम 15 व्यक्तियों को टीबी फैलाता है। इसलिए टीबी मरीजों के परिवार के लोगों के उपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है | 

प्रिवेंटिव थेरेपी टीबी को करेगी जड़ से खत्म 

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया की टीबी रोगियों के परिजनों व सम्पर्क में आने वालों का भी जाँच कराया जाएगा। जांच में टीबी के लक्षण ना दिखाई देने पर परिवार के सदस्यों को प्रीवेंटिव दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही एच.आई.वी के मरीज को भी प्रीवेंटिव दवाएं दी जाती हैं । 

उन्होंने बताया कि यदि जाँच में किसी सदस्य में टीबी के लक्षण पाए गए तो उसका पूरा इलाज डॉट सेंटर के माध्यम से किया जायेगा |

लाभार्थी – रविपाल वर्ष निवासी गडािडया का पुरवा ने बताया कि जब मेरी तबियत काफी ख़राब हो गई और जाँच के बाद रिपोर्ट पॉजेटिव आई तो तुरंत इलाज शुरू कर दिया हैं पिछले दो महीने से मेरा इलाज मंझनपुर अस्पताल में चल रहा हैं और अब मैं पहले से ठीक हूँ इस बीमारी से बचाव के लिए मेरे चार वर्षीय बेटे को भी प्रिवेंशन की दवा दी गई हैं जिसे दिन में एक बार देना होता हैं जिसे पूरे नियम से खिलाते हैं | 

स्टाफ की हो रही स्क्रीनिंग 

टीबी को समाप्त करने के लिये जिला क्षय रोग विभाग के अधिकारी कर्मचारी लगे हुए हैं। प्रीवेंटिव थेरेपी के तहत सभी की एक्स-रे व ट्यूबर क्विलिन टेस्ट से स्क्रीनिंग की जा रही है। उनकी यदि किसी में टीबी के लक्षण मिले तो छह माह तक थेरेपी दी जाएगी | क्षय रोग विभाग का स्टाफ क्षय रोगियों के संपर्क में रहता है, इसलिये स्टाफ को प्रीवेंटिव थेरेपी देने के लिये प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

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