god story: पूण्य कर्म से मन की शांति व प्रभु दर्शन की प्राप्ति : राघवेन्द्र शास्त्री

god story: पूण्य कर्म से मन की शांति व प्रभु दर्शन की प्राप्ति : राघवेन्द्र शास्त्री

god story: स्थानीय उपनगर सेवरही वार्ड न08 राजेन्द्र नगर कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पं0राघवेन्द्र शास्त्री ने कथा के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कलयुग मे भगवान की महिमा व संकीर्तन का उल्लेख करते हुए 

सुकदेव जी एवं राजा परीक्षित की कथा को बडे ही मार्मिक ढंग से सुनाने के क्रम मे भक्तिभाव व भक्त का प्रभाव के क्रम मे भक्त ध्रुव की कथा को बडे ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। 

   केरल प्रान्त से पधारे कोकिला कंठ कथा वाचक पं0 राघवेन्द्र शास्त्री महाराज ने बताया कि भगवान सुकदेव जी राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि भक्त ध्रुव की इच्छा जब अपने पिता से मिलने की बनी पिता के समुख पहुच नमन किए और पिता के गोद मे बैठने की इच्छा देख सौतेली माता ने कहा कि पिता के गोद मे बैठने के लिए तुम्हे मेरे गर्भ से जन्म लेना होगा। 

इतना सून भक्त ध्रुव को कष्ट हुआ और उन्होने अपने माता से इसका कारण और अपने कष्ट के भाव को प्रकट करते हुए उपाय पुछे तब माता ने कहा कि सबसे श्रेष्ठ प्रभु का गोद है पर यह कार्य कठिन है ध्रुव ने माता की आज्ञा से प्रभु की तलाश मे जंगल मे निकल पडे। भगवान विष्णु माता लक्ष्मी से कहते है जब से सृष्टि की बनी है घोर आश्चर्य है अब तक पांच वर्ष का कोई हमारे तलाश मे नही निकला है।

 माता लक्ष्मी को विश्वास नही हुआ उन्होने परिक्षा लेने के लिए भगवान नारद को भेजा और वे राह मे ही रोक कर भक्त ध्रुव को भटकाने के लिए कहा कि पहाड की कंदराओ में हजारो वर्षो से प्रभु दर्शन के लिए हजारो वर्ष से कर रहे है और आप पाच वर्ष की अवस्था मे माता की बातो से रुष्ट होकर निकले और समझ रहे है 

कि प्रभु का दर्शन हो जायेगा।तब उन्होने पुछा कि भगवन क्या आप ने उन्हे दर्शन दिया तब नारद बोले नही तो फिर हमे घर से निकलते ही आप क्यो दर्शन दे दिया। नारद समझ गये और प्रफुल्लित मन से गोद मे उठा लिए तब भक्त ध्रुव ने कहा कि भगवन आज आप ने अपने गोद मे बैठा लिया तो अब निश्चित हो गया

 कि हमारी दिशा सही है। भगवान बहुत खुश हुए एवं अपना आशीर्वाद दिए और अंत मे इश्वर के गोद मे भी बालक भक्त ध्रुव को वह सौभाग्य प्राप्त होता है।

   ब्यास गद्दी से कथा वाचक पं0 राघवेन्द्र शास्त्रीय ने मनमोहक भजन तेरी मर्जी का मै हु गुलाम, मेरे अल्बेले राम मेरे अलबेले राम एवं मेरी जिन्दगी मे क्या था तेरी बन्दगी से पहले, मै तो बूझा हुआ दिया था तेरी बन्दगी से पहले। सुन कर सभी भक्त झूम उठे। सभी ने कथा का श्रवणपान व प्रसाद ग्रहण किया। 

कथा के दौरान यजमान नगर पंचायत अध्यक्ष सोनिया जायसवाल, चेयरमैन प्रतिनिधि त्रिभुवन जायसवाल, आचार्य पं0 लक्ष्मी कान्त शुक्ला, हियुवा अध्यक्ष रमेश ब्याहुत, पं0नागेन्द्र द्विवेदी, पं0गोरखनाथ द्विवेदी, पं0हरेन्द्र द्विवेदी, एडवोकेट संजय गुप्ता, ई0अजय गुप्ता, ओमप्रकाश जायसवाल, गिरीश चन्द जायसवाल, 

रामेश्वर जायसवाल,सभासद आलोक जायसवाल उर्फ राजा, पप्पू जायसवाल, आशीष वर्मा, लव जायसवाल, अजय गुप्ता, सुधीर तिवारी, सुमित रौनियार, बृजभूषण मिश्र उर्फ बडका बाबू, मोती जायसवाल, सुकदेव रौनियार सहित समस्त सभासद गण व बडी संख्या मे महिला पुरूष श्रोतागण मौजूद रहे।

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