बिहार के CM नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी के बाद वहां की महिलाओं के मानसिक स्थिति बारे में दिया एक बयान 

बिहार के CM नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी के बाद वहां की महिलाओं के मानसिक स्थिति बारे में दिया एक बयान 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी के बाद वहां की महिलाओं मानसिक स्थिति बारे में एक बयान दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद महिलाएं उनसे बताती हैं कि शराबबंदी से पहले उनके पति क्रूर नज़र आते थे, वही पति अब अच्छे लगते हैं. मंगलवार को पटना में नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर नीतीश ने ये कहानी वहां मौजूद लोगों को सुनाई.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "एक महिला ने अपना अनुभव मुझे बताया. उन्होंने कहा कि मेरे पति शराब पीते थे, शाम को घर लौट कर आते थे तो झगड़ा करते थे और देखने मे क्रूर लगते थे. जब से शराबबंदी लागू हुई तब से वह शाम में घर आते हैं, बाजार से सब्जी खरीद कर लाते हैं, हंसते हैं, मुस्कुराते हैं और अब देखने में अच्छे लगते है.''



नीतीश ने इस कार्यक्रम में बताया कि उन्हें शराबबंदी लागू करने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पर रहा है. ये उनका साहस ही है जो इसे सख्ती से लागू किया जा सका है.


इस बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "जब इस कानून का अमेंडमेंट किया जा रहा था तब विधानसभा सहित विधानपरिषद में भी सभी लोगो ने संकल्प लिया था, इनके अलावा पुलिसवालों ने भी संकल्प लिया कि पूरे तौर पर शराबबंदी के पक्ष में रहेंगे. अब ये सब होने के बाद बीच-बीच कुछ लोगो का दिमाग गड़बड़ हो जाता है. आप कितना भी कुछ कर लीजिए हर आदमी को ठीक नहीं कर सकते. आज कल कई लोग इसके खिलाफ बोल रहे हैं, उसके बावजूद भी हमने साहस नहीं छोड़ा और यह अभियान चलाते रहे.''


नीतीश ने कहा कि शराबबंदी को लेकर राज्य में दो लाख से ज़्यादा मुकदमें हुए, अभी जेल में आठ हजार लोग हैं. मगर लोग इसे लेकर गलत प्रचार कर रहे हैं.


इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, "इस मामले में 2 लाख से ज्यादा लोगो पर मुकदमा हुआ, जेल के अंदर भी लगभग 8 हज़ार लोग हैं. बहुत लोग आजकल प्रचारित कर रहे हैं की 2 लाख गरीब गुरबा लोग जेल में हैं. मगर बिहार के जेलों में रहने की कैपिसिटी 40 हज़ार है ये दो लाख आदमी कहा से जाएंगे. ये कभी संभव नहीं है, लेकिन इसे लेकर तरह-तरह का गलत प्रचार किया जा रहा है."


नीतीश कुमार ने मंच से ऐलान किया कि 21 जनवरी 2020 को वह तीन मुद्दे पर मानव श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा और यह मुद्दा नशाबंदी, जल जीवन हरियाली और दहेज प्रथा को लेकर की जाएगी.


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