कुशीनगर के तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के अवरवा सोफीगंज गांव के बैरागीपट्टी स्थित मस्जिद में हुए विस्फोट के आतंकी कनेक्शन ढूंढे जा रहे हैं। बुधवार को एटीएस लखनऊ की तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। मस्जिद की क्षतिग्रस्त दीवारें, खिड़की और दरवाजों के टूटे कांच आदि की बारीकी से जांच की। उसके बाद थाने पहुंची और गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ की। करीब ढाई घंटे तक एसपी विनोद कुमार मिश्र से बंद कमरे में बातचीत की। मामले से जुड़े लोगों का संबंध पश्चिम बंगाल के अलावा यूपी के मऊ और अलीगढ़ तथा हैदराबाद तक है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। विस्फोट के समय को लेकर पुलिस को घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश का अंदेशा है। दरअसल, पुलिस को शक है कि नौ नवंबर को अयोध्या मसले पर आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद क्षेत्र का सौहार्द बिगाड़ने के लिए यह विस्फोटक प्रयोग हो सकता था। एटीएस टीम इन्हीं बिंदुओं की जांच करने मस्जिद पहुंची और कांच के टुकड़ों से विस्फोटक की तीव्रता तथा मात्रा का अनुमान लगाया। विस्फोटक की गंध को समझने की कोशिश की। यह भी जांच की जा रही है कि तीन वर्ष से गांव में रह रहे मौलवी की पश्चिम बंगाल में किस प्रकार की गतिविधियां थीं। मुख्य आरोपी हाजी कुतुबुद्दीन अपने गांव में भी बीते वर्षों में हुईं कई घटनाओं में जिम्मेदार रहा तथा जेल भी गया है। विभिन्न वजहों से उसके अलीगढ़, मऊ, हैदराबाद से जुड़े होने से पूरा मामला बेहद संवेदनशील होता जा रहा है।
एसपी विनोद कुमार मिश्र का कहना है शुरुआती जांच में बारूद के विस्फोट की पुष्टि हुई है। अब यह पता किया जा रहा है विस्फोटक की मात्रा और उसके प्रयोजन के बारे में पता लगाया जा रहा है।
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